आरोप साबित करे धूमल राजनीति से लूंगा सन्यास : सुक्खू

    • सुक्खू बोले- आरोप साबित करें धूमल, राजनीति छोड़ दूंगा

शिमला: भूमि खरीद मामले में न्यायिक जांच करने की पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की मांग पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चुप्पी तोड़ दी है। सुक्खू ने धूमल को खुली चुनौती देते हुए कहा कि धूमल उन पर लगाए गए जमीन के बेनामी सौदों के आरोप को सिद्ध करें। अगर धूमल आरोप साबित कर देते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे अन्यथा आरोप झूठे निकलने पर धूमल राजनीति से तुरंत संन्यास ले लें।
सुक्खू ने कहा कि 10 साल मुख्यमंत्री रहे व्यक्ति से इस तरह के कोरे झूठ की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि उनके पास सिर्फ 250 कनाल पुश्तैनी और खरीदी हुई जमीन है। इसके अलावा उनके पास कहीं कोई भूमि नहीं है। शपथ पत्र में जो डिटेल है, वह बिल्कुल सत्य है। पूर्व सीएम कोई भी आरोप लगाने से पहले शपथ पत्र को सही तरीके से पढ़ लें। इसके अलावा अगर कहीं उनकी सम्पत्ति निकलती है तो वह उसे धूमल के नाम कर देंगे। भाजपा वैसे तो सत्ता में आने वाली नहीं है, धूमल को नेता प्रतिपक्ष के नाते ही विधानसभा में इस पर सवाल पूछ लेना चाहिए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

सुक्खू ने कहा कि उन पर अवैध खनन करने वालों को संरक्षण देने का आरोप कोरा झूठ है। उनके पारिवारिक सदस्यों और रिश्तेदारों का कोई स्टोन क्रशर नहीं है। नादौन में 3 क्रशर भाजपाइयों के ही लगे हुए हैं जिनमें एक भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्य व एक भाजपा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य का है। अवैध खनन तो भाजपाई मान व कुनाह खड्ड में कर रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि कुनाह व मान खड्ड में अवैध खनन करने वालों को किसका संरक्षण है। लगता है कि उन्हें भाजपा का संरक्षण है। जिन्होंने भी उन पर निराधार आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ  वह कानूनी कार्रवाई करेंगे।

धूमल पर सुक्खू ने दागी प्रश्नावली
1. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब सारी सम्पत्ति सार्वजनिक है और जमीन राजस्व रिकार्ड में उनके नाम दर्ज है तो वह बेनामी कैसे हुई। उन्होंने सवाल किया कि धूमल बताएं कि क्या खरीदी हुई जमीन को बेनामी सम्पत्ति कहते हैं। झूठे आरोप लगाकर उनकी स्वच्छ राजनीतिक छवि को खराब करने की कोशिश क्यों की जा रही हैं।

2. वर्ष 2008 में वह पहले ऐसे विधायक बने थे जिन्होंने पत्रकार वार्ता कर अपनी सम्पत्ति आय के स्रोतों सहित सार्वजनिक की थी।  उनके पास जो भी सम्पत्ति है, वह मेहनत से अर्जित की हुई है। जिस 769 कनाल जमीन की धूमल बात कर रहे हैं, वह उनके नाम पर कहां है, बताने का कष्ट करें।

3. धूमल ने जमीनी सौदे व अवैध खनन के खिलाफ  आज तक पुलिस में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई। लोकायुक्त को इसकी जांच के लिए शपथ पत्र क्यों नहीं दिया। इससे साफ है कि सियासी फायदे के लिए उन पर कीचड़ उछाला जा रहा है। पूरा हिमाचल जानता है कि बेनामी जमीन सौदे तो पूर्व मंत्री राजीव बिंदल और प्रवीण शर्मा ने प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर के लिए किए हैं। उनके बेनामी सौदों की जांच क्यों नहीं करवाई।

4. अगर कोई ईमानदारी से सम्पत्ति अर्जित करता है तो क्या उसे भूमि बेचने व खरीदने का अधिकार नहीं है। धूमल बताएं कि कानूनी तरीके से जमीन खरीदकर उन्होंने गलत क्या किया है।
सरकार जांच करवा ले स्थिति हो जाएगी स्पष्ट : धूमल
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा था जिस पर उन्होंने जवाब दिया था। उन्होंने अपनी ओर से कोई आरोप नहीं लगाया है। पत्रकारों ने नादौन के एक भाई-बहन द्वारा दस्तावेजों के साथ राज्यपाल को भेजी शिकायत के संदर्भ उनसे सवाल पूछा था जिस पर उन्होंने इतना कहा था कि सरकार इस शिकायत की जांच करवा ले जिससे आरोपों के संदर्भ में सारी स्थिति स्पष्ट हो सके। न्यायिक जांच होगी तो उससे साबित होगा कि कौन गलत है और किसे क्लीन चिट मिलेगी। उन्होंने न तो शिकायत से संबंधित दस्तावेज देखे हैं और न ही उन्हें किसी तरह के दस्तावेज मिले हैं।

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