आधे से अधिक स्कूल डिबार, कहां से बने केंद्र

इलाहाबाद। यूपी बोर्ड परीक्षा 2013 के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से अभी तक बोर्ड परीक्षा केन्द्रों की सूची तैयार नहीं हो सकी है। केंद्र सूची तैयार करने में बड़ी मुश्किल स्कूलों को चिह्नित करने में आ रही है। शासन की ओर से विभिन्न कारणों से पिछले तीन वर्ष में डिबार विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाना है। इसके अलावा प्रबंधक-प्रधानाचार्य विवाद वाले विद्यालय भी केंद्र नहीं बनेंगे। साथ ही जिन विद्यालयों में तीन सत्रों की पढ़ाई नहीं हुई, उन्हें भी केंद्र नहीं बनाने के निर्देश हैं। इन निर्देशों के मद्देनजर केंद्र तलाशना मुश्किल हो रहा। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से सूची को अंतिम रूप नहीं देने से इस पर आपत्तियां भी नहीं मांगी जा सकी हैं। इस कारण से बोर्ड परीक्षा का काम लगातार पिछड़ रहा है।
शासन ने यूपी बोर्ड परीक्षा केन्द्रों को पहले चरण में अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को सौंपी थी। शासन की ओर से जिलाधिकारी की अध्यक्षता और डीआईओएस के संयोजन में कमेटी गठित करके 16 नवंबर तक केन्द्रों की सूची तैयार करना था, इस सूची को 21 नवंबर तक प्रकाशित करके 26 नवंबर तक आपत्तियां मांगी गई थी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद मंडलायुक्त की अध्यक्षता में मंडलीय समिति को परीक्षा केन्द्रों की सूची को अंतिम रूप देकर 11 दिसंबर को बोर्ड को भेजना है।
डिबार परीक्षा स्कूलों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाए जाने के आदेश और पिछले तीन वर्ष की परीक्षाओं में आरोप के घेरे में आए स्कूलों को केन्द्र बनाए जाने के आदेश के बाद जिला समिति को केन्द्रों को अंतिम रूप देने में परेशानी हो रही है। बोर्ड की ओर से जिन विद्यालयों में तीन सत्रों की पढ़ाई नहीं हुई, उन्हें भी केंद्र नहीं बनाने के निर्देश हैं। ऐसे में परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में परेशानी हो रही है। अकेले इलाहाबाद जिले में लगभग 100 विद्यालय डिबार की सूची में हैं जबकि 2010, 2011 और 2012 की परीक्षा में भी बड़ी संख्या में परीक्षा केन्द्रों पर आपत्ति है। इस प्रकार जिले में लगभग 350 विद्यालय परीक्षा केन्द्र बनाने लायक नहीं हैं।

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