आतंकियों द्वारा अपहृत सेना के जवान का नहीं लग पाया सुराग, हत्या कर अज्ञात स्थान पर दफनाने का ऑडियो वायरल

आतंकियों द्वारा अपहृत सेना के जवान का नहीं लग पाया सुराग, हत्या कर अज्ञात स्थान पर दफनाने का ऑडियो वायरल

जम्मू
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से सात दिन पहले आतंकियों द्वारा अपहृत किए गए सेना के जवान का अभी कोई सुराग नहीं लग पाया। हालांकि रविवार को सोशल मीडिया में वायरल हुए ऑडियो में खुद को आतंकी बताने वाले ने जवान की हत्या कर अज्ञात स्थान पर दफनाने का दावा किया है। इस ऑडियो की अभी तक किसी पुलिस या सैन्य अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है। उधर, सेना के जवान की तलाश जारी है।

टेरिटोरियल आर्मी की 162वीं बटालियन के जवान शाकिर मंजूर का 2 अगस्त की रात अपहरण किया गया था। कुलगाम में उनकी ब्रेजा गाड़ी जली हुई मिली थी। शुक्रवार को ही जवान के कपडे़  शोपियां के लंडूरा गांव में एक सेब के बगीचे से मिले थे। लोगों के बुलाने पर परिवार ने कपड़े जवान के होने की शिनाख्त की थी। इसके बाद साकिर के पिता मंजूर अहमद ने आतंकियों से उनके बेटे को लौटाने की अपील की थी। साथ ही कहा था कि अगर उनका बेटा उनके पास है तो जानकारी दें, अगर मार दिया है तो भी बताएं। बेटे के शव पर उनका अधिकार है।
सेना आतंकियों के शव नहीं लौटाती हम भी नहीं लौटाएंगे
अब रविवार को सोशल मीडिया में वायरल हुए ऑडियो में खुद को आतंकी बताने वाला कह रहा है कि जवान का हमने अपहरण किया। उस पर हमारी काफी समय से नजर थी। उसके शव को हमने किसी अज्ञात स्थान पर दफना दिया। हम चाहते हैं कि हत्या की बात पता चलने पर जवान के घर पर भीड़ जमान न हो, क्योंकि इस समय कोरोना का कहर है। आतंकी आगे कहता है कि अगर पुलिस और सेना किसी ऑपरेशन में किसी आतंकी को मारती है तो उसका शव घरवालों को नहीं सौंपा जाता, वैसे ही हम भी शाकिर की लाश को घरवालों के सुपुर्द नहीं करेंगे। उधर, पुलिस और सेना जवान की तलाश में शोपियां और इसके आसपास के इलाके में लगातार अभियान चला रही है।

जून 2018 में जवान औरंगजेब का शादीमर्ग इलाके से अपहरण हुआ था
आतंकियों ने इससे पहले जून 2018 में बकरीद पर घर आ रहे पुंछ निवासी जवान औरंगजेब का दक्षिणी कश्मीर के शादीमर्ग इलाके से अपहरण कर लिया था। बाद में जवान की हत्या कर दी थी। इसी तरह शादी के सिलसिले में घर गए लेफ्टिनेंट उमर फैय्याज की आतंकियों ने नौ मई, 2017 को अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी। हत्या से पहले उसे काफी यातनाएं दी गई थीं। इन दो घटनाओं के अलावा एसपीओ, पुलिसकर्मियों और जवानों के अपहरण की और भी कई घटनाएं हुई हैं।

 

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