आखिर स्टाफ नर्स ने खाली किया आवास

रुड़की। प्रशासन के कड़े रुख के बाद आखिरकार सरकारी आवास में डिलीवरी एवं गर्भपात कराने की आरोपी यूपी की स्टाफ नर्स को सरकारी आवास छोड़ना पड़ा। आवास खाली नहीं करने पर प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सील कर दिया गया था। रविवार को आवास खाली करने के लिए आरोपित नर्स ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था।
उत्तराखंड से रिलीव हो जाने के बाद भी पिछले कई सालों से यूपी की स्टाफ नर्स कुसुम लता आयुर्वेदिक अस्पताल के सरकारी आवास में रह रही थी। आरोपित स्टाफ नर्स पर सरकारी आवास में डिलीवरी कराने एवं गर्भपात करने के कई बार आरोप लग चुके थे। इसकी शिकायत भी की गई थी, इसके बावजूद नर्स आवास में ही जमी हुई थी। गत दिनों शिकायत मिलने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सोनिका के निर्देश पर मारे गए छापे में वहां अवैध गर्भपात करने और डिलीवरी कराने का मामला सामने आया था। इस दौरान नर्स मौके से खिसक गई थी। शुक्रवार तक आवास खाली कराने का समय पूरा होने पर भी जब आवास खाली नहीं हुआ तो जेएम के निर्देश पर स्वास्थ्य एवं प्रशासन की टीम ने शनिवार को आवास सील कर दिया था। इसपर आरोपित नर्स ने जेएम को आवास से सामान उठाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। आखिर जेएम ने आवास से सील हटवा दी थी। सोमवार को आरोपित स्टाफ नर्स ने कई सालों बाद सरकारी आवास खाली कर दिया। नायब तहसीलदार चित्र कुमार त्यागी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आवास खाली कर दिया गया है।

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