आखिर कब रुकेगी ओवरलोडिंग

रामपुर बुशहर। प्रदेश में लगातार ओवरलोडिंग के कारण बस हादसे हो रहे हैं। हर हादसे के बाद ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसने के लिए बंद कमरों में बैठकें कर इसकी रूपरेखा तैयार होती है। लेकिन कुछ दिन बाद सब पहले की तरह हो जाता है। ओवर लोडिंग के कारण वीरवार को किन्नौर के रुतुरंग में 23 लोग मौत के ग्रास बन गए, जबकि 20 के करीब जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ओवरलोडिंग को लेकर प्रशासन और सरकार कब गंभीर होगी। कब तक ऐसे ही मासूम लोगों की जान जाती रहेगी। ऐसे ही कई सवाल किन्नौर हादसे ने एक बार फिर खड़े कर दिए हैं।
तीन माह में क्षेत्र में ओवरलोडिंग के कारण कई हादसे हुए हैं। इनमें दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। हादसों के बाद सरकार ने कई जांच कमेटियां बैठाई, लेकिन जांच केवल कागजों से आगे नहीं बढ़ पाती है। हादसे में समय बस में सफर कर रहे छितकुल के राजेश कुमार नेगी का कहना है कि सांगला से कल्पा जा रही 25 सीटों वाली इस बस में करीब 44 लोग सफर कर रहे थे। हादसे के दौरान बस में खड़े होने तक जगह नहीं थी। इसी दौरान रूतुरंग के पास चालक का नियंत्रण गाड़ी पर से खो गया और वह खाई में जा गिरी। हालांकि हादसे में राजेश कुमार भाग्यवान रहा कि उसे कुछ नहीं हुआ। इधर, इस बारे में एसपी किन्नौर राहुल नाथ का कहना है कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। हालांकि अभी तक हादसे के कारणों का पता नहीं लग पा रहा है।

Related posts