अमृत महोत्सव: हजारों विद्यार्थियों का भविष्य संवार रहा है ब्रिटिशकालीन पुस्तकालय

अमृत महोत्सव: हजारों विद्यार्थियों का भविष्य संवार रहा है ब्रिटिशकालीन पुस्तकालय

नाहन (सिरमौर)
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में 60 हजार पुस्तकों में छिपा ज्ञान का भंडार हजारों युवाओं के भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। ब्रिटिश काल में राजा अमर प्रकाश ने अपनी बेटी राजकुमारी महिमा की याद में रियासत कालीन राजधानी नाहन शहर में पुस्तकालय की स्थापना की थी। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी महिमा पुस्तकालय युवाओं का भविष्य उज्ज्वल बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। हालांकि, युवाओं और पाठकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुस्तकालय के विकास एवं विस्तार की जरूरत शिद्दत के साथ महसूस की जा रही है। 

इस दिशा में सरकार के ठोस प्रयासों की दरकार है। साल 1927 में स्थापित इस पुस्तकालय में मौजूदा समय में छह भाषाओं में 60 हजार के करीब पुस्तकें उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ा रही हैं। पुस्तकालय में 1426 पाठक हैं। बावजूद इसके यहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए हर समय धक्का-मुक्की जैसी स्थिति अकसर बनी रहती है। हालांकि, विभाग ने इस पुस्तकालय में एक अतिरिक्त कमरे का निर्माण कर 50 सीटों की व्यवस्था की है, लेकिन फिर भी कई छात्र पुस्तकालय में अपना नंबर आने के लिए घंटों प्रतीक्षा में रहते हैं। सात से आठ कमरों के इस पुस्तकालय में 180 छात्रों के बैठने की सुविधा उपलब्ध है। 

सुबह आठ बजे पुस्तकालय खुलने से पहले ही कई छात्र नंबर लगाने के लिए पहुंचते हैं। जहां सीट के लिए छात्रों को अकसर जद्दोजहद करते देखा गया है। बहरहाल, इस पुस्तकालय में उर्दू, पंजाबी, अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत भाषाओं की किताबों के साथ-साथ पांडुलिपियों का भी खजाना है, जहां छात्र वर्ग के अलावा शहर के वरिष्ठ नागरिक भी अपना ज्ञान का भंडार बढ़ाने पहुंचते हैं। कोरोना काल में पुस्तकालय में सीट क्षमता के अनुसार 50 फीसदी छात्रों को ही बैठने की स्वीकृति दी गई है।

 बता दें कि वर्ष 1927 में तत्कालीन सिरमौर रियासत के महाराजा अमर प्रकाश ने अपनी बेटी महिमा की पुस्तकों के प्रति रुचि को देखते हुए पुस्तकालय की स्थापना की थी। 1958 में महिमा पुस्तकालय को हिमाचल प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अधीन लाया गया। पुस्तकालय में 75 पांडुलिपियों को भी संभालकर रखा गया है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन के प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार भारद्वाज ने बताया कि पुस्तकालय में सीट क्षमता को बढ़ाया गया है। सरकार के निर्देशानुसार यहां समय-समय सुविधाएं जुटाने के प्रयास किए जाते रहे

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