इस तरह सरकारी क्षेत्र में चल रहे मैडीकल कालेजों की फीस राज्य में खुल रहे नए मैडीकल कालेजों के बराबर होगी यानी आईजीएमसी शिमला व टीएमसी कांगड़ा की फीस अब ईएसआई मंडी के साथ राज्य के 3 नए मैडीकल कालेजों नाहन, चम्बा और हमीरपुर के बराबर होगी। बढ़ी हुई फीस को नए शैक्षणिक सत्र से बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है। फीस बढ़ौतरी का यह प्रस्ताव मुख्य सचिव वीसी फारका की अध्यक्षता में गठित समिति की तरफ से लिया गया है। इस पर अब मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाना है।
फीस में कितनी बढ़ौतरी
सरकारी क्षेत्र में चल रहे आईजीएमसी शिमला व टीएमसी कांगड़ा की फीस इस समय करीब 40,000 रुपए है। अब फीस को 70,000 रुपए से 80,000 रुपए के बीच करने का प्रस्ताव है यानी अब मैडीकल कालेजों की फीस लगभग दोगुना अधिक हो जाएगी। सरकारी क्षेत्र में फीस बढ़ौतरी के इस प्रस्ताव से डाक्टर बनने का सपना पाले मध्यम एवं निम्र वर्ग के लोगों के बच्चों को झटका लगा है। ऐसे छात्र इतनी फीस को चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। फीस बढ़ौतरी के इस प्रस्ताव को यदि मंजूरी मिलती है, तो इससे आने वाले दिनों में सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय मैडीकल कालेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या क्रमश: 100-100 है।
निजी कालेज फीस मामले पर उठ चुका है विवाद
सोलन जिला के अंतर्गत निजी क्षेत्र में चल रहे एमएमयू मैडीकल कालेज की फीस बढ़ौतरी को लेकर हाल ही में विवाद उपजा था। यह मामला बाद में कोर्ट तक गया। इसके तहत मैडीकल कालेज फीस को बढ़ाना चाहता था लेकिन सरकार ने वर्तमान सत्र में फीस बढ़ौतरी के इस प्रस्ताव से इंकार कर दिया था। यह मामला केंद्रीय एवं परिवार कल्याण स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के संज्ञान में भी आया, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार को इसका निपटारा करने का आग्रह किया था, साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने हाल ही में अपने प्रदेश दौरे के दौरान यह स्पष्ट किया था कि देश में निजी मैडीकल कालेजों की फीस संबंधी मामले के लिए राज्य के हाईकोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी। इस पर आगामी सत्र से लागू हो जाएगा।