अपने जज्बे से इन्होंने आपदा को दिया मुंहतोड़ जवाब

उत्तरकाशी में राजकीय इंटर कॉलेज गुंदियाट गांव के छात्र-छात्राओं ने अपने जज्बे से आपदा को की मात दे दी।

जी, हां इन स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने छह महीने से बंद पड़ी रामा गांव की सड़क का मलबा साफ करके वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया। पुरोला क्षेत्र के रामा गांव की 200 मीटर सड़क छह माह पूर्व आपदा में भूस्खलन से बंद हो गई थी।

गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं
गांव के संपर्क मार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गए थे। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से सड़क एवं संपर्क मार्ग दुरुस्त करने की गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

आखिरकार राइंका गुदियाट गांव के शिक्षक और एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी मक्खन सिंह नेगी और प्रेम सिंह राणा ने गांव में एनएसएस शिविर लगाकर सड़क खोलने का निर्णय लिया।

22 से 28 दिसंबर तक चले सात दिवसीय शिविर के दौरान कॉलेज के 50 स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम अधिकारियों के साथ मिलकर बेलचे और फावड़े उठाकर दो सौ मीटर लंबी सड़क का मलबा साफ किया और सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए तैयार कर दिया।

स्वयंसेवियों ने रामा से नागपानी, देवीधार से रामा गांव और बेष्टी से कुमठा संपर्क मार्ग भी दुरुस्त किए।

कौन हैं शिक्षक
राजकीय इंटर कॉलेज गुंदियाट गांव में तैनात प्रवक्ता मक्खन सिंह नेगी वर्ष 1997 से 2003 तक मोरी प्रखंड के ब्लाक प्रमुख रहे।

प्रवक्ता प्रेम सिंह राणा सेना शिक्षा कोर में 20 वर्ष तक सेवा देने के बाद तीन साल तक केंद्रीय विद्यालय त्रिपुरा में अर्थशास्त्र के शिक्षक रहे।

आपदा में क्षतिग्रस्त सड़क और संपर्क मार्गों को दुरुस्त करने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगाई। बीडीसी बैठक में भी प्रस्ताव रखा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षक और स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने इस कार्य को अंजाम देकर एक मिसाल पेश की।

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