अंतराष्ट्रीय सीमा के पास मिले वायरलैस सैट का रहस्य बरकरार

शिमला : जनजातीय जिला किन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप मिले वीएचएफ सैट का रहस्य बरकरार है। हालांकि पुलिस विभाग ने दावा किया है कि संबंधित बरामद सैट चीन का नहीं है लेकिन विभाग यह खुलासा भी नहीं कर पाया है कि उक्त सैट किसका है और किस उद्देश्य से इसे यहां एक पेड़ में लगाया गया था? ऐसे में वीएचएफ सैट का यह संवेदनशील मामला पुलिस जांच में ही उलझने लगा है। सूचना के अनुसार बुधवार को प्रदेश पुलिस मुख्यालय में दूरसंचार व वायरलैस विंग के विशेषज्ञों ने अधिकारियों की मौजूदगी में उक्त सैंट की जांच-पड़ताल की।

उक्त सैट की क्षमता 88.30 मैगा हटर््ज है और इससे महज कुछ किलोमीटर तक ही सूचना प्रदान की जा सकती है। इसके साथ ही पाया गया कि सैट के साथ जो बैटरी मिली है वह अमेरिकन कंपनी की है जिसकी क्षमता 5 वाट है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि जांच में ऐसे कोई तथ्य उभर कर सामने नहीं आए हैं जिससे कहा जा सके कि इसे चीन ने जासूसी के लिए यहां स्थापित किया हो। सामने यह भी आया है कि जांच के तहत पुलिस अधिकारियों ने अमरीका की एक कंपनी से भी संपर्क साधा और बैटरी बारे जानकारी हासिल की है।

25 हजार सैट की कीमत
पुलिस जांच में सामने आया है कि बरामद सैट की कुल कीमत 25 हजार के करीब है और इसकी क्षमता उतनी नहीं है जिससे जासूसी की कोई संभावना प्रबल हो सके। अधिकारी भी मानते हैं कि जिस स्थान पर यह बरामद किया गया है वह सीमा से काफी दूर है और सैट की क्षमता भी उतनी नहीं है जिससे सीमा पार तक सूचनाएं भेजी जा सकें। वहीं सूत्रों की मानें तो उक्त उपकरण जब बरामद किया गया तो वह चालू हालत में था और इस सैट में बिल्कुल नई बैटरी लगी हुई थी। ऐसे में अंदेशा यही है कि कुछ दिनों पूर्व ही कोई इसे यहां लगा गया होगा।

सैट लगाने के पीछे क्या मकसद
अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप एक पेड़ में वायरलैस सैट लगाने के पीछे क्या रहस्य छिपा है, यह पहलू 11 दिन बाद भी जस का तस बना हुआ है। मामले की जांच में जुटी पुलिस अंदरखाते आशंका यह भी जता रही है कि किसी भी विदेशी पर्यटक या किसी प्रोजैक्ट द्वारा इसे स्थापित किया गया होगा। विभागीय अधिकारी बताते हंै कि उक्त सैंट को आगामी जांच के लिए वायरलैस विंग के विशेषज्ञों को सौंपा जा
सकता है।

बरामद वायरलैस सैट की जांच विशेषज्ञों से करवाई गई है। ऐसी आशंका व्यक्त करना कि यह सैट चीन द्वारा जासूसी के लिए लगाया गया है, तर्कसंगत नहीं है क्योंकि जांच में ऐसे कोई भी तथ्य उभर कर सामने नहीं आए हैं जिससे इस आशंका को बल मिले। विभाग जांच कर रहा है। सैट की क्षमता 88.30 मैगा हटर््ज पाई गई है।
आईडी भंडारी, पुलिस महानिदेशक (हिप्र)

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