
शिमला : दैहनासर, कुगली जोत व थामसरपात पर गत रात हुए हिमपात के बाद बरोट, मुल्थान व लोहारडी में पारा गिरने से ठंड बढ़ गई है। इन क्षेत्रों के आसपास बहने वाले नदी-नालों में जलप्रवाह कम हो गया है और जलापूर्ति भी कई इलाकों में प्रभावित हो रही है। ऊहल, लंबाडग व इनके सहायक नालों में कम पानी आने से शानन जलविद्युत परियोजना में भी विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ है। पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के प्रभारी रैजीडैंट इंजीनियर कुलदीप सिंह ने बताया कि परियोजना को 244 क्यूसिक पानी मिलने से उत्पादन 30 मैगावाट तक लुढ़क गया है। उधर, लोगों ने सरकार से ठंड बचाव हेतु कोयले का प्रावधान करने की मांग की है। इस बाबत वन मंडलाधिकारी पीएल गुप्ता का कहना है कि उक्त क्षेत्र सैंक्चुरी एरिया होने के कारण यहां कोयला नहीं बनाया जा सकता।
प्रदेश में इन दिनों ठंड का प्रकोप बढऩे लगा है। अगर जनजातीय क्षेत्र केलांग की बात की जाए तो वहां का तापमान शून्य से भी नीचे चला गया है। हालांकि दिन में अच्छी धूप खिली रहती है लेकिन शाम होते ही लोग गर्म कपड़ों में दिख रहे हैं। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले दिनों में मौसम के इसी प्रकार के बने रहने की संभावना है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के केलांग में पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान -2.5 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी है। न्यूनतम तापमान शिमला में 6.9 डिग्री सैल्सियस, सुंदरनगर में 4.1, भुंतर में 4.2, कल्पा में -0.4, धर्मशाला में 11.2, ऊना में 9.3, पालमपुर में 8.0, सोलन में 4.0 तथा मनाली में 1.2 डिग्री सैल्सियस रिकार्ड किया गया। उधर, आज दिन भर राज्य के कुछ स्थानों पर बादल व धूप में आंख-मिचौली चलती रही जिस कारण प्रदेशवासियों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं।