
बिलासपुर। जिला अस्पताल बिलासपुर में हर रोज करीब एक हजार ओपीडी। मरीज को दाखिल करना पड़ा तो दूसरे मरीज के साथ एडजस्ट होना पड़ सकता है। जी हां, बिलासपुर अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीज दाखिल हो रहे हैं। बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण अस्पताल की तमाम व्यवस्थाएं छोटी पड़ने लगी है। ऐसे में मरीज को इलाज के लिए एडजस्ट करना अस्पताल प्रशासन की भी मजबूरी है। आखिर किसी को बिना इलाज के वापस तो नहीं भेजा जा सकता।
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं। यहां पर उपचार करवाने आ रहे मरीजों की कई समस्याओं का सामना तो करना ही पड़ता है। यहां पर दाखिल होने वाले मरीज भी समस्या से नहीं बच पाते हैं। जिला अस्पताल बिलासपुर में 270 मरीजों को दाखिल करने की क्षमता है। मरीजों की संख्या बढ़ने पर जिला अस्पताल को मजबूरी में एक बैड पर दो मरीज दाखिल करने पड़ रहे हैं। गर्मी के मौसम में मरीजों की संख्या बढ़ने पर सबसे ज्यादा समस्या बन जाती है। अस्पताल प्रशासन की मानें तो यह समस्या कई बार किसी मरीज के ज्यादा सीरियस होने दशा में ही पैदा होती है। इससे एक बेड पर दो मरीज दाखिल करना अस्पताल प्रशासन की मजबूरी बन जाती है। गंभीर मरीज को रेफर करना या फिर घर भेजना भी नामुमकिन होता है। इस स्थिति से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी भली भांति अवगत हैं। बावजूद इसके इस ओर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बाद में दाखिल मरीज को दूसरी जगह बेड खाली होने पर शिफ्ट किया जाता है। इससे पूर्व दो दो मरीज एक बैड पर ही दाखिल होते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर सीआर वर्मा ने माना कि कई बार मरीजों की ज्यादा संख्या होने पर इस तरह की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। उनकी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है।