सेंजोस स्केल कीट से बचाएं बगीचा

रोहडू। सेब बगीचों में सेंजोस स्केल कीट सक्रिय हो गया है। कीट पौधे के तने, शाखाओं तथा फलों से रस चूसकर पौधे को सुखा देते हैं। समय रहते कीट की रोकथाम करना आवश्यक है। कीट के अधिक हमले से सेब की फसल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। सेंजोस स्केल कीट मार्च में सक्रिय हो जाता है। मार्च में जैसे-जैसे पौधे में सैब चढ़ने की प्रक्रिया आरंभ होती है। यह कीट पौधे की खाल से रस चूसना शुरू कर देता है। दिसंबर तक लगातार कीट पौधे पर अपना हमला जारी रखता है, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है तथा पौधे की बढ़ोतरी भी रुक जाती है। कीट की यदि समय पर रोकथाम न हो तो युवा पौधे तीन वर्ष के भीतर ही खत्म हो जाते हैं। फ्रूट सेटिंग के बाद कीट फल से भी रस चूसता है। फलाें पर स्केल के गहरे लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं, जिससे फल की गुणवत्ता भी पूरी तरह से खत्म हो जाती है। बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार कीट के हमले से बचने के लिए स्मर आयल तथा टीएसओ तेल का छिड़काव मार्च में पौधे पर आधा इंच पत्ती आने से टाइट क्लस्टर अवस्था तक करना आवश्यक है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी एवं बागवानी विशेषज्ञ डा. नरेंद्र कायथ ने बताया कि सेंजोस स्केल कीट मार्च में सक्रिय होता है। यह कीट सेब के पौधे के लिए बहुत हानिकारक है। उन्होंने बताया कि कीट के उपचार के लिए बगीचे में साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। बागवान आधा इंच पत्ती आने से टाइट क्लस्टर अवस्था के बीच सेब के पौधों पर तीन लीटर स्मर आयल प्रति दो सौ लीटर पानी या चार लीटर टीएसओ प्रति दो सौ लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। स्केल सेब की खुरदरी छाल में नीचे होते हैं। इसलिए छिड़काव इतना अधिक करें, जिससे पौधा पूरी तरह से भीग जाए।

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