
नई दिल्ली: नजफगढ के नवाब वीरेंद्र सहवाग को पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के लिए अंतिम एकादश में शामिल नहीं किए जाने से दिल्ली के दर्शक भले ही निराश थे लेकिन हकीकत यह है कि यह विस्फोटक सलामी बल्लेबाज अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया।
सहवाग ने विश्व कप 2011 में जीत के बाद से 15 एकदिवसीय मैचों में केवल 513 रन बनाए हैं। इनमें से 219 रन उन्होंने एक पारी में (वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में) में बनाए थे। इस तरह से बाकी 14 मैच में वह केवल 294 रन ही बना पाए। पाकिस्तान के खिलाफ पिछले दो मैच में दायें हाथ का यह बल्लेबाज केवल 35 रन बना पाया जिसके कारण उन्हें तीसरे मैच की टीम से बाहर कर दिया गया। सहवाग की जगह अंजिक्या रहाणे को अंतिम एकादश में रखा गया।
दर्शकों को हालांकि टीम प्रबंधन का यह फैसला पसंद नहीं आया और इनमें से कुछ वीरू वीरू की आवाज लगाते रहे। लेकिन लगता है कि टीम प्रबंधन ने सहवाग को बाहर करने का फैसला उनके हालिया प्रदर्शन के अलावा कोटला पर उनके रिकार्ड को देखकर भी किया। सहवाग ने कोटला पर छह वन डे मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 24.00 की औसत से केवल 120 रन बनाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर 42 रन है। टेस्ट मैचों में भी सहचाग अपने घरेलू मैदान पर कभी बड़ी पारी नहीं खेल पाये हैं। उन्होंने यहां तीन टेस्ट मैच की पांच पारियों में 201 रन बनाए हैं जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 74 रन है।