
मंडी। सरहद को प्रमाण कर लौटे पांच युवाओं का मंडी पहुंचने पर स्वागत किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वित मंच की ओर से आयोजित सरहद को प्रणाम कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश के 11 जिलों से 66 लोगों ने बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान से लगती सीमा पर जाकर सरहद की माटी को प्रणाम किया। फोरम फार इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी के प्रमुख वेद प्रकाश ने बताया कि सरहद की रक्षा करने वाले जवानों और वहां के समाज के बीच जाकर उनकी हालत की जानकारी लेना भी इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था। यहां से पवित्र जल ले जाकर सीमा पर तिरंगे का जलाभिषेक किया गया और वहां की माटी को नमन कर मुट्ठी भर धूल अपने साथ लाकर उसका तिलक सबको करवाया। इसी कड़ी में मंडी से पांच युवा हेमराज पठानिया, राजकमल, दुन्नी चंद, हेमंत ठाकुर और दीनानाथ सरहद को प्रणाम कर सोमवार को वापस लौटे। उनका मंडी पहुंचने पर आईटीआई के पास फूलमालाओं के साथ स्वागत किया गया। मंडी शहर में भारत माता की जय के नारों के साथ रैली निकालते हुए घंटाघर स्थित संकन गार्डन में इन सभी युवाओं ने अपनी इस यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सरहद पर लोग मौत के साये में जीवन यापन करते हुए सीमा सुरक्षा बल के साथ देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं, जबकि इन क्षेत्रों में गरीबी, भुखमरी और पिछड़ेपन का बोलबाला है। हेमराज ठाकुर ने बताया कि वे बांग्लादेश की सीमा पर स्थित तीन बीघा कॉरिडोर में गए थे। वहां पर लोगों के साथ समय गुजार कर उनकी कठिन परिस्थ्ितियों में गुजर रही जिंदगी का जायजा लिया तो पाया कि सरहद पर विकास के नाम पर कुछ नहीं है। लोग न इधर के हैं न उधर के हैं। उन्हें न तो हिंदुस्तान अपना रहा है और न ही बांग्लादेश। उसी प्रकार राजकमल, दीनानाथ, हेमंत आदि ने बताया कि उन्होंने न केवल सरहद को प्रणाम किया, बल्कि जवानों, वहां के नागरिकों और पेड़ पौधों को राखी बांध कर देश की सीमा की सुरक्षा के लिए उनका आभार जताया।