
शिमला: प्रदेश कांग्रेस सरकार ने शीतकालीन सत्र को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सरकार ने स्पष्ट किया है कि सत्र के दौरान बेवजह होने वाले खर्च पर अंकुश लगाया जाए। इस बार 12वीं विधानसभा के पहले सत्र पर करीब 30 से 32 लाख की राशि खर्च होने की संभावना है। बीते शीतकालीन सत्र से यह खर्च कहीं कम है। सूचना के अनुसार सचिवालय से इस बार सत्र के लिए 100 के करीब अधिकारी व कर्मचारी धर्मशाला को रवाना होंगे।
चुनावी ड्यूटी पर जाने वाले यह अधिकारी व कर्मचारी आगामी सोमवार को रवाना होंगे। इसके लिए व्यापक प्रबंध कर लिए है। सचिवालय सूत्रों के अनुसार सरकार ने यह भी निर्देश जारी किए है कि शीतकालीन सत्र के दौरान ड्यूटी में तैनात होने वाले अधिकारी व कर्मचारी अपने विभागों से संबंधित सरकारी गैस्ट व रैस्ट हाऊस में ही ठहरेंगे। अधिकारियों व कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था जिला उपायुक्त को सुनिश्चित करेंगे।
इसके साथ ही वाहनों का लाव-लश्वर पर होने वाले बेवजह खर्च पर भी लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का कहा गया है। विशेष है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पहला सत्र आगामी 8 जनवरी से शुरू होना जा रहा है। इसके लिए अधिकाश तैयारियां को अमलीजामा पहना लिया गया है।
निजी होटल होंगे आवश्यकता अनुसार बुक
शीतकालीन सत्र के दौरान निजी होटलों को आवश्यकता अनुसार की बुक किया जाएगा। इतना ही नहीं सूत्रों के अनुसार मंत्री व विधायक इस दौरान सरकारी गेस्ट व रेस्ट हाऊस में ही ठहरेंगे। इसके तहत सभी वन, पी.डब्ल्यू.डी., आई.पी.एच., बिजली बोर्ड, टूरिज्म के सरकारी गैस्ट, रैस्ट व सर्कीट हाऊस को बुक कर लिया गया है और उनके सभी के ठहरने की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है।
उडऩखोटाले में जाएंगे राज्यपाल-मुख्यमंत्री
12वीं विस में भाग लेने के लिए राज्यपाल उर्मिला सिंह व मुख्यमंत्री वीरभद्र उडऩखोटाले में रवाना हो सकते है। इसके साथ ही अधिकारी व कर्मचारी वाहनों के माध्यम से जाएंगे। सरकार के कड़े रख से इस बार अधिकारियों के साथ वाहनों व कर्मचारियों का लाव-लश्कर सत्र के दौरान देखने का नहीं मिलेगा।