
सोलन : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार को लोगों की जानमाल की कोई चिंता नहीं है। हाल ही में सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के लिए 100 बसों की खरीद-फरोख्त की। ये बसें वे हैं जोकि आईटीबीपी द्वारा रिजैक्ट की गई थीं। उन्होंने कहा कि इन बसों का रंग भी आईटीबीपी की बसों की तरह है। वीरभद्र ने सवाल किया कि जब बसों को आईटीबीपी ने रिजैक्ट कर दिया था तो प्रदेश सरकार को इन बसों को खरीदने की क्या जरूरत थी। सरकार लोगों की जानमाल को ध्यान में रखते हुए नई बसें भी खरीद
सकती थी।
सोलन के गंज बाजार में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए वीरभद्र ने प्रदेश की भाजपा सरकार को उत्तर भारत की सबसे अधिक भ्रष्ट सरकार भी कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल हमेशा यह कहते हैं कि केंद्र सरकार से प्रदेश को कोई सहायता नहीं मिल रही है जबकि सच्चाई यह है कि 4 सालों में केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को दिया गया पैसा ही सरकार खर्च नहीं कर पाई और 4 सालों में 10 हजार करोड़ रुपए लैप्स हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसका जिम्मेदार कौन है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में सभी योजनाएं केंद्र सरकार के दम पर चल रही हैं तथा भाजपा सरकार के कार्यकाल में दाल घोटाला हुआ है जिसके तार सोलन से भी जुड़े हुए हैं।
वीरभद्र ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने कुछ सरकारी अधिकारियों को अनुचित लाभ देने की भी कोशिश की है जिससे सरकार को भारी आर्थिक नुक्सान हुआ है। विशेष तौर पर वन विभाग में 23 अतिरिक्त सीसीएफ लगा दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में आते ही पीटीए अध्यापकों को पक्का कर दिया जाएगा।