
लोहाघाट। उत्तराखंड में सरकार का अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण न होने के कारण राज्य दिशाहीन हो चुका है। मुख्यमंत्री की अपने मंत्रियों एवं आला अफसरों में कोई पकड़ न होने से राज्य की स्थिति असामान्य हो गई है। यह बात पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता हयात सिंह माहरा ने कही। माहरा के अनुसार मंत्रियों के आपस में कोेई तालमेल न होने के कारण राजधानी के सवाल को लेकर भी सरकार के लोग एकमत नहीं हैं।
पौड़ी में कृषि निदेशालय ले जाने के सवाल पर माहरा का कहना है कि स्वयं कांग्रेस सरकार के लोग इस कार्य के लिए एकमत नहीं हैं। जब सरकार गैरसैंण को राजधानी बनाने जा रही है, तो अन्य स्थानों में निदेशालय ले जाने का कोई तुक नहीं होता है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जिला प्लान में अभी तक 40 फीसदी धन अवमुक्त किया गया है। जिसमें कोई कार्य न होने के कारण यह धनराशि खर्च नहीं हो पा रही है। सरकार ऐसे वक्त पूरा धन जारी करेगी, जब विकास कार्यों को संपादित करने के लिए न तो समय रहेगा, और न ही माहौल। नतीजतन सरकारी धन की खुली लूट की जाएगी। नामधारी के सवाल पर उनका कहना था कि स्वयं मुख्यमंत्री ने अपने यहां ऐसे लोगों को तरजीह दी है, जो गले गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।
