
ऊना। केंद्र सरकार की ओर से जनता को सब्सिडी देने के नए सिस्टम में लोग फंसते जा रहे हैं। हालत ऐसी है कि लोगाें को सब्सिडी जब मिलेगी, तब मिलेगी। लेकिन, हाल-फिलहाल सब्सिडी लेने के चक्कर में लोगों की जेब खाली हो रही है। सब्सिडी के लिए लोगाें को बैंकों में खाते खुलवाना जरूरी है। लेकिन, बैंकों में कम से कम एक हजार रुपये तक लोगों को खाते खुलवाने पड़ रहे हैं। बैंक खातों के नाम पर लोगों की जेब से पैसे निकलवाए जा रहे हैं। उस पर सब्सिडी लेने के लिए लोगों को बाजार मूल्य से ही तमाम राशन और बिना सब्सिडी के सिलेंडर भी खरीदने पड़ेंगे। कुल मिलाकर सब्सिडी का यह नया सिस्टम कई लोगों के लिए आफत बन गया है।
जिला के लठियाणी क्षेत्र के बाशिंदों में पवन कुमार, राकेश कुमार, जुल्फी राम, कांता देवी, सुलोचना रानी, ऊषा देवी, तरसेम चंद का कहना है कि सरकारी बैंकों में जहां 500 रुपये जमा करवाने पर बचत खाते खोले जाते थे, वहीं अब नई सब्सिडी योजना के लिए बैंकों में एक हजार रुपये में बचत खाते खोले जा रहे हैं। उनका कहना है कि जब लोगों के लिए खाते खुलवाना मजबूरी बन गया है तो राष्ट्रीयकृतबैंक भी अपनी जमा पूंजी को बढ़ाने में हर हथकंडा अपना रहे हैं। लोगों का कहना है कि कई परिवार ऐसे भी हैं जो दिन भर कमाई करने के बाद शाम को उसी कमाई से रोटी का जुगाड़ करते हैं। ऐसे में बैंकाें की ओर से खाते खुलवाने के लिए लागू की गई योजनाएं उनके लिए बेहद भारी साबित हो रही हैं। खाते खुलवाने के लिए भी उन्हें आस-पड़ोस के लोगों से पैसे मांगने पड़ रहे हैं। ऐसी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बैंकों में भी जीरो बैलेंस खाते खोले जाने चाहिए। जिससे लोगों को सही मायनों में इसका लाभ मिल सके।
बैंक प्रबंधकों से करेंगे बैठक : डीसी
उपायुक्त संदीप कदम का कहना है कि बैंक प्रबंधकों से जल्द ही बैठक कर इस समस्या का हल करने के दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे, जिससे लोगों को परेशानी न उठानी पड़े।
