
ऊना। रायपुर बाड़े के समीप हुए सड़क हादसे में मारे गए 20 वर्षीय संजय के अंगों से सात लोगों को नया जीवन मिला है। पिछले मंगलवार को हुए सड़क हादसे में घायल संजय समेत दो लोगों को चिकित्सकों ने पीजीआई रेफर किया था। रविवार को संजय ने पीजीआई में दम तोड़ दिया। संजय महेश की मौत से ठीक पहले उसके पिता बलराम महेश ने पीजीआई प्रशासन की प्रेरणा पर फैसला लिया कि वह अपने बेटे के शरीर के अंगों को दान करेंगे ताकि इनसे किसी को नई जिंदगी मिल सके। इसके बाद उन्होंने अपने फैसले से पीजीआई के चिकित्सकों को अवगत कराते हुए कहा कि उनके बेटे के अंगों से किसी को नया जीवन मिलता है तो वह इसकी इजाजत देने को तैयार हैं। चिकित्सकों ने संजय की मौत के बाद हार्ट, कार्निया, लीवर, आंखें और किडनी को दान स्वरूप ले लिया। पीजीआई प्रशासन ने इन अंगों को अन्य सात जरूरतमंद लोगों के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया, जिससे जरूरतमंद सात लोगों को नया जीवन मिला। जब पीजीआई प्रशासन ने मंगलवार सुबह मृतक संजय के पिता बलराम महेश को अंगों के सफल प्रत्यारोपण की सूचना दी तो वह कुछ देर के लिए बेटे की मौत के गम को भी भूल गए। बलराम महेश ने बताया कि संजय के पांच अंग दान किए गए थे। पीजीआई प्रशासन ने बलराम महेश को बताया कि उन्हें इस महादान के लिए पीजीआई के वार्षिक समारोह में सम्मानित किया जाएगा। मृतक संजय ने दस जमा दो की परीक्षा पास की थी। सात जुलाई 1992 को जन्मा संजय तलवारबाजी की राष्ट्रीय स्पर्धा और राज्य स्तरीय फुटबाल स्पर्धा में भी हिस्सा ले चुका था। संजय पंजाबी गायक कलेर कंठ और मिस पूजा के साथ दो एलबम में भी बतौर डांसर अपनी नृत्य दक्षता का प्रदर्शन कर चुका है।
हेलमेट का इस्तेमाल करें लोग : बलराम
लोगों के लिए मिसाल पेश करने वाले बलराम महेश ने लोगों का आह्वान किया है कि दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का इस्तेमाल जरूर करें। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन करने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। बलराम महेश ने कहा कि यदि उनके बेटे ने भी हेलमेट पहना होता तो उसकी इस तरह मृत्यु नहीं होती। इस दौरान बलराम महेश की आंखें छलक उठीं।