शाहाबाद शुगर मिल पर डटे किसान

शाहाबाद। गन्ने के कम दामाें को लेकर गुस्साए किसानों ने शनिवार तड़के शुगर मिल के गेट पर ताला जड़ दिया। इससे शुगर मिल पूरी तरह बंद हो गई। किसानों ने पहले से तय रणनीति के अनुसार प्रदेश की सभी शुगर मिलों को बंद करने का फैसला लिया था, जिसके तहत शनिवार को शाहाबाद में हल्ला बोला गया। किसी अनहोनी को टालने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस के अलावा फायर ब्रिगेड व एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद रहीं। एसडीएम सुशील कुमार बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात रहे। भारतीय किसान यूनियन ने पहले ही 5 जनवरी को मिल पर ताला लगाने का आह्वान कर दिया था और शनिवार को प्रात: 8:30 बजे किसानों ने तालाबंदी कर दी। कड़ाके की ठंड के बावजूद भारी संख्या में किसान शुगर मिल के बाहर आ डटे। किसानों ने इस मौके पर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की जायज मांगों को भी नहीं मान रही है और किसानों से सस्ते भाव पर गन्ना खरीदकर व मंहगे दामों पर चीनी बेचकर किसानों के हितों से आघात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल पर 236 रुपये प्रति क्विंटल का खर्च आता है और यदि उसमें 50 प्रतिशत लाभांश जोड़ दिया जाए तो गन्ने का खरीद रेट 354 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। उत्तराखंड और यूपी के मुकाबले हरियाणा में गन्ने का भाव 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल कम है। जिससे किसानों में भारी रोष है। मुख्यमंत्री ने बोनस देने की बात कही थी, जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। मुख्यमंत्री हर रोज किसानों के हित की बात करते हैं, लेकिन गन्ना, आलू, गेहूं की फसल के समय किसानों को उचित दाम नहीं देकर किसानों के साथ भेदभाव करते हैं। 11 जनवरी को रादौर में किसानों की महापंचायत होगी, जिसमें आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा। यह आंदोलन पूरी तरह गैर राजनीतिक है और किसी भी दल को झंडे के साथ अपनी स्टेज पर नहीं चढ़ने दिया जाएगा। यदि कोई दल किसानों को समर्थन देना चाहता है तो वह उनकी आवाज विधानसभा या संसद में उठाए। इस अवसर पर भाकियू के जिला प्रधान बलकार सिंह, भाकियू के प्रेस प्रवक्ता राकेश बैंस, सरपंच दिलबाग सिंह खानपुर, रामपाल राणा गुमथला, सरपंच अवतार सिंह दुराला, सुरेंद्र, हरपाल सिंह, चौधरी धूम सिंह, अजीत सिंह लाडवा, मेहर सिंह, श्रीपाल राणा, हरबंस सिंह, हजूर सिंह सलपानी, अर्जुन भिंडर, ईश्वर सिंह इस्माईलाबाद, स्वर्ण सिंह, अवतार सिंह चीमा सहित भारी संख्या में किसान मौजूद थे।

इनेलो ने दिया समर्थन
इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर पहुंचकर गन्ने का दाम बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों को अशोक अरोड़ा ने कहा कि जब-जब देश व प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है किसानों के हितों के साथ कुठाराघात हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा की कथनी व करनी में अंतर है और स्वयं कोकिसानों का हितैषी कहने वाले हुडा किसानों की जायज मांगों की भी अनदेखी कर रहे हैं। गन्ने का दाम बढ़ाने को लेकर इनेलो 8 जनवरी को इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में एक ज्ञापन राज्यपाल को देगी। इस अवसर पर पूर्व कृषि मंत्री जसविंदर सिंह संधु, इनेलो किसान प्रकोष्ठ के जिला संयोजक बलविंदर ठोल, सतपाल खरींडवा, जागीर सिंह, जिला इनेलो प्रधान कुलदीप सिंह, ओमप्रकाश हथीरा, जिला इनेलो प्रवक्ता रामपाल शर्मा, सुभाष मिर्जापुर, जिला शहरी प्रधान नरेश मित्तल, युवा इनेलो के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मपाल चौधरी, युवा इनेलो नेता संदीप टेका, नितिन भारद्वाज लाली, आजाद सिंह संधू, जिला परिषद सदस्य रामकरण काला, विक्रम चक्रपाणि, सुभाष पलवल, महेंद्र कैंथला, पवन गौतम, लाडवा हलका प्रधान कौशल सैनी, कुलदीप सिंह मुलतानी, विक्रमजीत सिंह डोलके, परपिंद्र संधू, जगबीर मोहड़ी, सतपाल खरींडवा, जसविंद्र ठोल, सूरजभान रत्नगढ़, रामकरण काला, धनपत राय अग्रवाल, पवन गौतम, रेखा वाल्मीकि उपस्थित थे।

किसानों को होगा भारी नुकसान
शुगर मिल के एमडी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि मिल बंद करने से किसानों का ही नुकसान होगा। किसानों को गन्ना लाने के लिए पर्चियां भेजी हुई हैं, लेकिन किसान गन्ना नहीं ला रहे। इसलिए प्रशासन के पास मिल बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं है। रूटीन में 42 दिन के बाद मिल की सफाई की जाती है। इसलिए इस समय का फायदा मिल की सफाई करने व रखरखाव में किया जाएगा। शुगर मिल चलने से प्रतिदिन क्षेत्र में 200 एकड़ खेत खाली हो जाते हैं, जिसमें सूरजमुखी व अन्य फसलों की बिजाई की जा सकती है, लेकिन मिल बंद होने से जहां गन्ने की पिराई लेट होगी, वहीं अन्य फसलों की बिजाई भी संभव नहीं हो पाएगी। छिलाई नहीं होने से किसानों को लेबर को रोकना भी मुश्किल होगा।

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