
नई दिल्ली: पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह ने हाल ही में महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस की गोलीबारी की घटना की आलोचना करते हुए राज्य सरकार से गन्ने के मूल्य को लेकर बातचीत में विलंब की जिम्मेदारी लेने की मांग की है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के समन्वयक वी एम सिंह के साथ जारी एक संयुक्त बयान में पूर्व सेना प्रमुख ने कहा है कि इस सप्ताह के शुरू में पुलिस की गोलीबारी में गन्ना किसानों की मौत पर वह अफसोस जाहिर करते हैं।
प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता जताते हुए उन्होंने कहा ‘राज्य सरकार को गन्ने के दामों के बारे में बातचीत में विलंब की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर राज्य सरकार समय पर कार्रवाई करती तो अमूल्य जान और संपत्ति को बचाया जा सकता था।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों ने गन्ने का दाम तय नहीं किया है।
सिंह ने कहा कि गन्ने का दाम तय न करने की स्थिति में क्रशर और कोल्हू 150 रूपये से 200 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से गन्ना खरीद रहे हैं जबकि पिछले साल गन्ने का दाम 240 रूपये प्रति क्विंटल था। उन्होंने कहा ‘हम उप्र और उत्तराखंड सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह गन्ने का दाम घोषित करने के लिए तत्काल कदम उठाए।
यह कहने की जरूरत नहीं है कि इन राज्यों को महाराष्ट्र से सबक सीखने की जरूरत है।’ सिंह ने कहा ‘किसानों की मांग जायज है और महाराष्ट्र की घटना को देखते हुए उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए।’