
देहरादून। पहली महिला आईपीएस किरण बेदी को लगता है पुलिस का सिस्टम आसान था। वर्दी थी और कानून के बूते काम करा लेने की ताकत भी। राजनीति में कौन, कब कैसे खरीद लिया जाए, इसका कोई ठिकाना नहीं। आस्ट्रेलियन फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया (एएफएफआई) के दौरान बेदी अपने ऊपर बनी डाक्यूमेंट्री ‘यस मैडम सर’ के स्क्रीनिंग के दौरान बतौर खास मेहमान दून पहुंची थीं। केवल ट्रांसफर के डर से बिक जाने वाले अफसरों को भी उन्होंने नसीहत दी। कहा कि यही तबका तो सबसे बड़ा देशभक्त है। ठीक से काम हो तो देश की सूरत बदल जाए। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के आंदोलन से जुड़े एक प्रश्न पर बोलीं-रामलीला ग्राउंड का चैप्टर बंद हो चुका। आंदोलन को अब भीड़ नहीं ‘मोरल फोर्स’ की जरूरत है।
परफार्मेंस मेरे हाथ में थी, पोस्टिंग नहीं
एक दर्शक रेनू ढींगरा ने पुलिस कमिश्नर न बन पाने से उपजे तनाव को लेकर किरण से सवाल किया तो उन्होंने साफ किया-मेरे हाथ में परफार्मेंस करना था, लेकिन पोस्टिंग नहीं। तनाव तब होता, जब मैं वह छोड़ देती।