
धौलकुंआ (सिरमौर)। पांवटा वन मंडल ने लेंटाना घास को खत्म करने की नई तकनीक खोज निकाली है। अगर कामयाब हो जाती है तो पांवटा की वन संपदा को बचाया जा सकेगा।
पांवटा वन मंडल ने लेंटाना घास को जड़ से खत्म करने के लिए नई खोज निकाल कर युद्ध स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। विभाग ने पहले चरण में 1500 विघा भूमि का चयन कर लेंटाना घास को जड़ से खत्म करने का कार्य शुरू कर दिया है। पिछले दो दशकों से वन मंडल के निचले क्षेत्रों में लेंटाना घास वन संपदा के लिए कैंसर का रूप धारण कर चुकी थी। इसे खत्म करने के लिए विभाग ने कई उपाए खोजे, लेकिन लेंटाना विकराल रूप धारण करता रहा।
खास कर आबादी से जुडे़ क्षेत्रों में लेंटाना घास के कारण न केवल वनों को उत्पत्ति को रोका है। इस घास जंगली जानवरोें में बंदर और सुअरों के अशियाना बनने से किसानों की फसल को भी काफी नुकसान हो रहा है। लेंटाना घास के कारण जंगलों में छोटे पौधों की पैदावार में ग्रहण लगा है। जहां लेंटाना वहां पर पौधों की उत्पत्ति नहीं हो पाती।
विभाग केआरओ राम कुमार ने बताया कि लेंटाना घास के जंगलों में गर्मियों के दिनों में आगजनी जैसी घटनाएं ज्यादा होने का भय रहता है। हाल ही में विभाग ने 1560 बीघा वन क्षेत्रों से लेंटाना को खत्म करने की योजना तैयार की है। विभाग पहले चरण में लेंटाना को जड़ से काटकर उसके स्थान पर अन्य पशुचारे के घास की पैदावार तैयार करेगा। कामयाबी मिलने पर विभाग लेंटाना घास का नामो निशान मिटा देगा। चयनित क्षेत्रों में वनों की पैदावार बढ़ाने के लिए झाड़ कटाई से जंगलों की सफाई होगी।