
वाशिंगटन: ओसामा बिन लादेन के अंतिम संस्कार से जुड़े कई नए रहस्य सामने आए हैं। न्यूज एजेंसी एपी ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग से जो डॉक्यूमेंट्रीस हासिल किए हैं उन्हीं के आधार पर ये बातें सामने आईं हैं। अमेरिकी सेना के सीनियर अधिकारियों के बीच ई-मेल के आदान-प्रदान से भी कई रहस्यों से पर्दा हटा है। ओसामा का शव जब समंदर में बहाया जा रहा था, उस वक्त अमेरिकी नौ सैनिक बेड़े यूएसएस कार्ल विंसन का कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं था।
ई-मेल के मुताबिक ओसामा का अंतिम संस्कार इस्लामी रीति-रिवाजों के तहत किया गया था। ‘शव को नहलाने के बाद उसे एक व्हाइट चादर में लपेटा गया था। उसके बाद शव को एक भारी बैग में रखा गया था। सेना के ही एक अधिकारी ने धार्मिक पाठ किया जिसका एक स्थानीय नागरिक ने अरबी में अनुवाद किया। इसके बाद ओसामा के शव को एक ताबूत में रखकर समंदर में बहा दिया गया।’
एडमिरल चार्ल्स ने यह ई-मेल तत्कालीन जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल माइक मलेन और यूएस सेंट्रल कमांड के सीनियर अधिकारी जनरल जेम्स मैटिस को भेजा था। ऑपरेशन के बाद जब ये ओसामा के शव को लेकर लौट रहे थे, उस दौरान हेलिकॉप्टर में ये अधिकारी आपस में खुफिया कोड में बात करते थे। एडमिरल चार्ल्स ने एक दूसरे अधिकारी रियर एडमिरल सैमुएल पेरेज से ई-मेल के जरिए सवाल पूछा, ‘हमारे लिए आ रहे पैकेज के बारे में कोई ख़बर’। रियर एडमिरल पेरेज ने इसका जवाब देते हुए लिखा, ‘दोनों ट्रक सुरक्षित हैं और अपने अड्डे की तरफ बढ़ रहे हैं।’
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक ओबामा प्रशासन अमेरिकी इतिहास में सबसे पारदर्शी सरकार होने का दावा करता है लेकिन ओसामा के मारे जाने से जुड़ी डॉक्युमेंट्रीस को वो सार्वजनिक नहीं करना चाहता है। एपी ने इसी साल मार्च में सूचना के अधिकार के जरिए लादेन के खिलाफ ऑपरेशन के समय की कुछ तस्वीरों और वीडियो की मांग की थी लेकिन रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि उनके पास ऐसी कोई तस्वीर या वीडियो नहीं है।
रक्षा मंत्रालय ने ओसामा के मृत्यु प्रमाण पत्र, उसकी डीएनए जांच रिपोर्ट या ऑपरेशन की तैयारी से जुड़े किसी भी दस्तावेज को देने से मना कर दिया। एपी ने रक्षा मंत्रालय के फैसले के विरोध में अपील करने का फैसला किया है। ओसामा बिन लादेन के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को खासतौर पर कानूनी अधिकार दिए गए थे जिनमें यह भी शामिल था कि इस अभियान से जुड़ी सूचना कभी भी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। एपी ने इस बारे में सीआईए से सूचना मांगी तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया।