राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बैंकिंग सेवा पर पड़ेगा असर

मंडी। केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रीय व्यापी दो दिवसीय हड़ताल से बुधवार से शुरू होगी। इस हड़ताल में विभिन्न ट्रेड यूनियन हिस्सा लेकर अपनी मांगों का समर्थन करेगी। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर बैंकिंग सेवाओं पर पड़ेगा। सभी बैंकों के कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से लोगों को बैंकों से लेन-देन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
ट्रेड यूनियनाें की दो दिवसीय हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले एक दर्जन के करीब ट्रेड यूनियनें भाग लेने जा रही हैं। बुधवार को हड़ताल के पहले दिन मंडी में ट्रेड यूनियनें एकजुटता के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की तैयारी में हैं। वीरवार को भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान केंद्र की यूपीए सरकार की उन तमाम गलत नीतियों का बहिष्कार किया जाएगा, जो जनता सहित कर्मचारी, किसान और मजदूर हित में नहीं हैं। मंडी में ट्रेड यूनियनें भामसं, इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, एचएमपी, यूटीयूसी तथा एसयूसी एकजुट विशाल जुलूस रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगी। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते कई विभागों के कार्य बंद रहेंगे। बैंकिंग प्रणाली पर हड़ताल का व्यापक असर रहेगा। कॉर्पोरेट सेक्टर को बढ़ावा देने के विरोध में बैंक कर्मियाें ने दो दिन हड़ताल में बढ़ चढ़कर भाग लेने का ऐलान किया है। ट्रेड यूनियनाें की मांगों में सबसे पहले मूल्य वृद्धि रोकना मुख्य है। इसके अलावा रोजगार सृजन करना, श्रम नियमों का पालन करना, संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मियाें को सामाजिक सुरक्षा देना, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा फंड बनाना, राज्य एवं केंद्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों का निजीकरण रोकना, ठेके पर नियुक्त कर्मियाें को समान वेतन देना, न्यूनतम वेतन मांग के अनुसार निर्धारित करना, बोनस एवं पीएफ से सीलिंग हटाने तथा निश्चित समय अवधि में श्रम संगठनों का अनिवार्य पंजीकरण करना शामिल है।

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