यूपी, उत्तराखंड में दस हजार युवा होंगे सेना में भर्ती

अगले साल मार्च तक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दस हजार युवाओं की सेना में भर्ती होगी। सितंबर में भर्ती रद्द होने के कारण रिक्त रह गई सीटें भी भरी जाएंगी। साढ़े सत्रह से तेइस साल के आयु वर्ग के युवक भर्ती में हिस्सा ले सकेंगे। इसमें अब प्रशासनिक उपेक्षा आड़े नहीं आएगी।

यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भर्ती में पूरा सहयोग देने का वादा किया है। ये बातें उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के सेना भर्ती निदेशक ब्रिगेडियर एसएस धंकड़ ने सोमवार को वाराणसी भर्ती कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सेना में सबसे अधिक साढ़े सत्रह प्रतिशत भर्ती यूपी से होती है।

वाराणसी सेना भर्ती कार्यालय का क्षेत्र सबसे बड़ा है। तालमेल की कमी की वजह से सितंबर में वाराणसी में प्रस्तावित सेना भर्ती रद्द करनी पड़ी थी। इसे गंभीरता से लिया गया है। 30 अक्तूबर को आर्मी कमांडर ले. जनरल अनिल चैत समेत सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बैठक हुई थी। कहा कि वह खुद बैठक में थे। इसमें समस्याओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को दिशानिर्देश दिए थे।

पुलिस और जिला प्रशासन की मदद से ही इटावा में सफल भर्ती हुई। कानपुर, अमेठी और कन्नौज की भर्ती के बाद जनवरी के अंत में गाजीपुर में पूर्वांचल के युवाओं की भर्ती होगी। इसमें बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर और गाजीपुर जिले हिस्सा लेंगे। जरूरत के हिसाब से सेना भर्ती कार्यालय को स्टाफ उपलब्ध कराए जाएंगे। पुलिस, प्रशासन, और क्षेत्रीय लोगों की मदद से ही सफल भर्ती संभव है। कहा कि अप्रैल 2012 से मार्च 2013 तक सेना को यूपी और उत्तराखंड से दस हजार भर्ती करनी है।

रिटायर्ड सैन्यकर्मी भी कर रहे दलाली
सेना भर्ती में सबसे अधिक दलाली पूर्वी उत्तर प्रदेश में होती है। यहां के लोग आसानी से दलालों के बहकावे में आ जाते हैं। जबकि पारदर्शी व्यवस्था के बीच सेना का अफसर भी अपने घर के युवक की भर्ती नहीं करा सकता। रिटायर्ड सैन्यकर्मी भी दलाली कर रहे हैं। ऐसे दलालों पर सेना सख्त कार्रवाई करेगी। ये बातें यूपी और उत्तराखंड के सेना भर्ती निदेशक ब्रिगेडियर एसएस धंकड़ ने कहीं।

उन्होंने कहा कि दलालों से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। कड़ी मेहनत से ही सेना में भर्ती संभव है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ रिटायर्ड सैन्यकर्मियों की भी शिकायतें मिलती रही हैं। ऐसे लोगों के धोखे में लोग आसानी से आ जाते हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो सेना भर्ती के दलालों का रैकेट पूर्वांचल में काम कर रहा है। कुछ दिनों पूर्व लोगों ने शहर में एक फर्जी कर्नल को पकड़ा था। आटो चालक खुद को कर्नल बताकर कई लोगों के रुपये हड़प कर गया था।

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