
मीडिया में ‘कट्टर राष्ट्रवाद’ की बातों से प्रभावित नहीं होने की बात कहते हुए सरकार ने आज कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति प्रक्रिया ‘काफी हद तक ’ रूप से पटरी पर लौट आई है। लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि आगे बढऩे के लिए ‘माहौल’ सही होना चाहिए। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह ठीक है कि जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए लेकिन इससे भी इंकार किया कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा एक भारतीय सैनिक का सिर काटे जाने के बाद सरकार परेशानियों में आ गई है।
खुर्शीद ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया में संदर्भ के बाहर बहस होती है। लेकिन मीडिया स्वतंत्र है। अगर आप स्वतंत्र समाज में विश्वास करते हैं तो आपको अच्छे और खराब मीडिया को सहना पड़ेगा। लेकिन मीडिया के कुछ वर्गों में जिस तरीके से कट्टर राष्ट्रवाद को लेकर बहस हुई उससे हम प्रभावित नहीं हो सकते।’ उन्होंने कहा कि हाल में दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री आपरेशंस के बीच वार्ता ‘सकारात्मक संकेत’ है।
यह पूछने पर कि क्या शांति प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है तो मंत्री ने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं मानता। मेरा मानना है कि शांति प्रक्रिया ठीक से चल रही है। संकेत हैं कि हम वापस पटरी पर लौट चुके हैं। मुझे नहीं मालूम कि हम किस हद तक पटरी से उतरे थे लेकिन इस तरह की भावना थी कि हम फिसल रहे हैं।