
आनी/निरमंड (कुल्लू)। कांग्रेस के सत्ता में आते ही भाजपा से संबंध रखने वाले बीडीसी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। ऐसे में दोनों को ही अपने पद से हटना पड़ा। इस दौरान कुल 15 सदस्यों मेें से 14 ने वोटिंग की। ऐसे में अब अगले 15 दिन में निरमंड में बीडीसी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद के लिए फिर चुनाव होंगे।
कांग्रेस के सत्ता में आते ही निरमंड में बीडीसी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को पद से हटाने की मुहिम शुरू हो गई थी। इस पर बुधवार को अंतिम मुहर लग गई। ऊषा भारती को अध्यक्ष और योगेश भार्गव को उपाध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा। बुधवार को जिला पंचायत अधिकारी कुल्लू गिरिश शर्मा की उपस्थिति में निरमंड में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कुल 15 में से 14 सदस्यों ने वोटिंग की। इनमें आठ ने अध्यक्ष के विरोध में वोट डाले। इसी प्रकार उपाध्यक्ष योगेश भार्गव के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 7, विपक्ष में छह ने वोटिंग की। जबकि, एक वोट रद हुआ। वोटिंग के बाद जिला पंचायत अधिकारी ने बीडीओ निरमंड को इसकी सूचना दे दी है। इस पर बीडीओ निरमंड मनोहर नेगी ने बताया कि वोटिंग के बाद दोनों को सात दिन का नोटिस दे दिया गया है। वहीं, उपायुक्त कुल्लू से अनुमति लेकर 15 दिन के अंदर नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव भी करवा दिए जाएंगे। वहीं बीडीसी निरमंड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर कांग्रेसियों में खासा उत्साह है।