बिजली बोर्ड के 30 लाख डकारे

मैहतपुर (ऊना)। हिमाचल प्रदेश विद्युत परिषद को स्थानीय औद्योगिक क्षेत्र के एक उद्योग ने बिजली बिल की मोटी रकम की अदायगी न करके करंट का जोरदार झटका दिया है। छोटे-छोटे बिलों के वक्त पर भुगतान न करने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को आंखें दिखाने वाले विद्युत बोर्ड को मोटी रकम की वसूली को लेकर अब कोर्ट की शरण में जाना पड़ा है। बिल का भुगतान न होने से मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। विद्युत उपमंडल मैहतपुर के एसडीओ पीसी धीमान ने इस बात की पुष्टि की है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कुछ साल पूर्व हिमाचल के मैहतपुर में उद्योग स्थापित करने वाले उक्त उद्योग मालिक ने पिछले चार पांच साल खूब चांदी कूटी। सूबे की सस्ती बिजली के दम पर करोड़ों कमाए और घाटे की दुहाई देकर उद्योग को बंद करके चलते बने। इस बीच विद्युत परिषद के हर माह आने वाले बिजली बिलों के भुगतान के वक्त पूरा बिल अदा न किए जाने से बिल की बकाया रकम प्रतिमाह बढ़ती गई। इस वक्त उक्त उद्योग की ओर से करीब 30 लाख रुपये का बकाया बिल अटका पड़ा है। बताया जाता है कि उक्त उद्योग मालिक के दिल्ली तथा नोएडा में भी उद्योग हैं। जहां कुछ कुशल श्रमिकों को शिफ्ट कर दिया गया है। बाकी स्थानीय श्रमिकों को उनका बकाया चुकता करके चलता किया गया। उद्योग के बंद होने से बेकार हुए श्रमिक इधर-उधर दिहाड़ी लगाकर अपने परिवार का गुजारा चलाने को मजबूर हैं। विद्युत परिषद के सूत्रों ने कहा कि बंद होने से पूर्व बोर्ड की ओर से कई दफा उद्योग प्रबंधन को बकाया बिल के जल्द भुगतान के नोटिस भी रूटीन में दिए जाते रहे हैं, लेकिन उन नोटिसों पर उद्योग प्रबंधन ने कोई गौर नहीं किया। विद्युत उपमंडल मैहतपुर में एसडीओ पीसी धीमान की मानें तो बिजली बिल का यह मामला उच्च न्यायालय में भेजा गया है। इस मसले पर अब कोर्ट ही फैसला करेगा।

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