
नई दिल्ली (वीरेन्द्र खागटा )अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही कुछ कुछ और बड़े फैसले कर सकती है। वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कहा है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सरकार ने हाल में जो कदम उठाएं हैं और अगले कुछ हफ्तों में जो कदम उठाने जा रही हैं, उससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2014 में देश की विकास दर ज्यादा बेहतर होगी। वैश्विक मंदी के बाद पैदा स्थितियों से निपटने के लिए उन्होंने साहसिक और नए कदम उठाने पर जोर दिया है।
शुक्रवार को शुरू हुए दिल्ली आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री ने क्रेडिट एजेंसियों द्वारा भारत की रेटिंग घटाए जाने की आशंका से आगाह करते हुए कहा है कि इससे बचने के लिए राजकोषीय स्थिति को दुरुस्त करना जरूरी है। उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार इस साल अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम रहेगी।
वर्ष 2008 में शुरू हुए वैश्विक आर्थिक संकट के बारे में चिदंबरम ने कहा कि यह संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। यूरोपीय क्षेत्र आज आर्थिक मंदी की चपेट में है जबकि अमेरिका की आर्थिक वृद्धि बहुत मंद है। अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी की मार उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रही है। ज्यादा महंगाई और राजकोषीय घाटे ने इनकी चुनौतियां बढ़ा दी हैं। देश के विदेश व्यापार की स्थिति पर असंतोष जाहिर करते हुए चिदंबरम ने कहा कि तेजी से हो रहे भूमंडलीकरण की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्थितियों से प्रभावित रहेगी। उन्होंने जी-20 समूह में शामिल एशियाई देशों से एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के संसाधन बढ़ाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है।