बच्चों की न वर्दी बची न किताबें

मुलथान (कांगड़ा)। छोटा भंगाल के लुआई गांव में भीषण अग्निकांड़ ने डेढ़ दर्जन से अधिक परिवारों का सर्दी के मौसम में इस कड़कती ठंड में जीना मुहाल कर दिया है। प्रभावित परिवार अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के यहां रात गुजार रहे हैं। वहीं, आगजनी के दूसरे दिन बुधवार को प्रभावित परिवारों के स्कूली बच्चे राख के ढेर में अपनी किताबें, वर्दियों समेत स्कूली सामान ढूंढते नजर आए। ग्यारहवीं कक्षा के नागेंद्र, दसवीं कक्षा के गुड्डू, कविता, आरती और सुनीता, आठवीं कक्षा की भारती, पांचवीं कक्षा की अंकिता और दूसरी कक्षा के विशाल ने बताया कि गत दिवस इस आगजनी से उनके रिहायशी मकानों समेत स्कूली किताबें, वर्दियां और अन्य सामान भी जल गया है। विद्यार्थियों ने बताया कि अब न तो उनके पास पहनने को वर्दी है और न ही पढ़ने को किताबें। स्थानीय पंचायत प्रधान शांता देवी और उनके रिश्तेदारों ने बुधवार को प्रभावित परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था करवाई, जबकि दूसरे दिन प्रशासन की ओर से कोई भी नुमाइंदा घटनास्थल पर नहीं पहुंचा। भाजपा नेता एवं पूर्व प्रधान हरिचंद और ऋषि राज ने कहा कि प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को चार-चार हजार रुपये और कंबल देकर अपनी जिम्मेवारी निभा दी है। जबकि 17 अन्य प्रभावित परिवारों को कुछ नहीं दिया गया। उधर, कानूनगो चंद्र प्रकाश ने कहा कि विभाग प्रभावित परिवारों की रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

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