फिर बिगड़ी बात, टोल से नहीं हटेगा धरना

मोदीपुरम। सिवाया टोल प्लाजा पर चल रहे भाकियू के धरने में एक बार फिर प्रशासन के साथ चल रही बात बिगड़ गई। मंगलवार को किसानों की पंचायत हुई। प्रशासन के प्रस्तावों पर किसान सहमत नहीं हुए। किसानों ने सिवाया टोल प्लाजा पर धरना जारी रखने और 18 दिसंबर से देशभर में टोल पर धरना देने का ऐलान कर दिया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन अगर उनकी मांगें नहीं मानता है तो चाहें दस साल लग जाएं वे टोल पर जमे रहेंगे। अगर नौबत आई तो किसान आत्मदाह से भी पीछे नहीं हटेंगे।
सोमवार को प्रशासन ने धरना समाप्त कराने के लिए किसानों की मांगों के क्रम में प्रस्ताव रखे थे। इस पर भाकियू ने मंगलवार को किसानों की पंचायत कर फैसला लेने की बात कही थी। मंगलवार दोपहर एक बजे पंचायत शुरू हुई। इसमें प्रशासन की ओर एडीएम दीपचंद, सीडीओ ने मंच से किसानों को प्रस्ताव बताए।
प्रशासन द्वारा कोई लिखित प्रस्ताव न लाए जाने और मेरठ, मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारियों के यहां न आने पर किसान भड़क गए। किसानों ने प्रशासन के प्रस्तावों को मानने से इनकार कर दिया। इस पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरने को समाप्त करने से मना कर दिया।
राकेश टिकैत ने ऐलान किया कि 18 दिसंबर से देशभर के टोल प्लाजा पर धरना दिया जाएगा। उन्होंने पूरे देश में वाहनों को टोल फ्री चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर को सिवाया टोल प्लाजा पर किसानों की महापंचायत होगी।
इस बीच किसानों के तेवर उग्र होता देख प्रशासनिक अधिकारी बैरंग लौट गए। राकेश टिकैत ने कहा कि 29 नवंबर को हाईकोर्ट इस मामले में जो भी फैसला देता है वे उस फैसले का सम्मान करेंगे।
यदि किसानों के विरोध में फैसला आया तो किसान टोल से हटकर पास में ही धरना चालू रखेंगे। एक नई सड़क बनाकर हाईवे के वाहन इस नई सड़क से निकलवाएंगे।
पंचायत में मौजूद जिला पंचायत अध्यक्ष मनिंदर पाल ने भी घोषणा की यदि कोर्ट के फैसले के बाद यहां नई सड़क बनाई जाती है तो वे जिला पंचायत की ओर से सड़क निर्माण कराएंगे।
पंचायत की अध्यक्षता दयाराम राणा दादरी, संचालन चंद्रपाल फौजी ने किया। धरने को संबोधित करने वालों में विक्रम सिंह, सोमवीरी, भूपेंद्र राठी, मास्टर गिरिराज बिजनौर, अनुज बालियान बुढ़ाना, अनुज पहलवान, जगदीश सिंह, स्वामी विश्वानंद, चौधरी तेजपाल, पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा शामिल रहे।
राकेश ने दिखाए तेवर
पंचायत के दौरान जब एडीएम प्रशासन किसानों को प्रस्ताव बता रहे थे तो अचानक राकेश टिकैत का रुख सख्त हो गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमारे साथ धोखा किया है। अधिकारियों को प्रस्ताव लिखित रूप में यहां लाने चाहिए थे। धरना स्थल पर मेरठ और मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारियों को आना चाहिए था, लेकिन पंचायत में एडीएम आए हैं।

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