प्रदेश में खुलेंगी 13 नयी आईटीआई

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर शासन ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर 13 नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) खोलने की मंजूरी जारी कर दी है। नयी आईटीआई की स्वीकृति के आदेश यहां प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय को मिल गए हैं लेकिन इनकी डीपीआर बनाने के लिए निदेशालय में अधिकारी नहीं हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश को लेकर निदेशालय पसोपेश में फंसा हुआ है।
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर दौरे के दौरान नयी आईटीआई खोलने की घोषणाएं की थीं। जुलाई माह से लेकर अक्तूबर तक की गई आईटीआई की घोषणाओं की शासन से प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय को स्वीकृति पहुंच गई है। शासन की स्वीकृति के मुताबिक अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण विकास खंड क्षेत्र में, दौलाघट में, लमगड़ा विकास खंड क्षेत्र में, टिहरी के नाकोट में, उत्तरकाशी के डुंडा विकास खंड क्षेत्र के गांजड़ा में, चमोली जिले के नंदासैंण में, देहरादून जिले के लाखा मंडल, लखवाड़, पंजीटिलानी और काथियान में और रुद्रप्रयाग जिले के सिद्घसौंड में नयी आईटीआई खोली जाएंगी। इसके अतिरिक्त बोक्सा जनजाति के छात्रों के अलावा मुसलिम अल्पसंख्यक छात्रों के लिए अलग – अलग दो आईटीआई देहरादून में खोलने की मंजूरी दी गई है। शासन ने निदेशालय से इस बारे में जल्द डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल के 13 स्थानों पर नये राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाने के लिए निदेशालय में डीपीआर तैयार करने के लिए अधिकारी ही नहीं हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय में अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक से लेकर सहायक निदेशक के सभी पद खाली पड़े हैं। दो प्रधानाचार्यों को उपनिदेशक का काम देखने के प्रमुख सचिव के आदेश हैं लेकिन इन प्रधानाचार्यों पर पहले से ही कई आईटीआई का प्रभार होने के कारण ये भी ज्यादा समय निदेशालय को नहीं दे पाते। इस स्थिति में डीपीआर कौन तैयार करे, इसको लेकर निदेशालय परेशान है। नयी आईटीआई में कौन – कौन से ट्रेड होंगे तथा पदों के सृजन की रिपोर्ट तैयार होनी है। ये नयी आईटीआई कब तक खुल पाएंगी, इस बारे में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है।

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