
आनी (कुल्लू)। मुख्य वन अरण्यपाल (इको टूरिज्जम) पीएल चौहान ने कहा कि पनेऊ और टकरासी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटकों के ठहरने के लिए यहां जल्द टेंट लगाए जाएंगे।
आनी के पनेऊ और टकरासी को इको टूरिज्म के तहत विकसित किया जाना है। करीब चार वर्ष पूर्व यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए टेंट बनवाने को बजट आया था, लेकिन वन विभाग ने अब तक टेंट नहीं लगाए हैं। विभाग इन वर्षों के भीतर टेंट लगाने को सिर्फ बेस ही तैयार कर पाया है। कुछ दिन पूर्व आनी की सामाजिक संस्था सचेत ने इस मामले को गंभीरता से उठाया था। संस्था ने आरटीआई के तहत विभाग से टेंट लगने में देरी के कारण पूछा तो विभाग ने खर्च का ब्योरा दे दिया। यह मामला अखबारों की सुर्खियां बना तो अब विभाग की नींद टूटी। सीसीएफ शिमला पीएल चौहान ने कहा कि विभाग दोनों क्षेत्रों को इको टूरिज्म के तहत विकसित करने को प्रयासरत है। दोनों जगहों पर जल्द दस-दस टेंट लगाए जाएंगे। इसके साथ ही अन्य जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
उधर, विभाग के आनी डीएफओ आरके भल्ला ने सफाई पेश करते हुए कहा कि टेंट लगाने को बीस लाख आए थे, जो विद्युतीकरण, पेयजल व्यवस्था, पार्किंग निर्माण, रास्तों के विकास, शौचालय निर्माण समेत बेस बनाने पर खर्च हो गए। टेंट भी आए थे, लेकिन छोटे होने के कारण वे वापस भेजे गए। विभाग के आला अधिकारियों से टेंटों के अंदर के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराने की मांग की गई थी, जो पूरी नहीं हुई।