
ऊना। प्रदेश से सटा पंजाब के नंगल कस्बा में सोमवार को बीबीएमबी के अनुबंध कर्मचारियों के हल्ला बोल विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम में यातायात पूरी तरह प्रभावित रहा। इसके साथ नंगल से भाखड़ा जाने वाली ट्रेन के साथ इन्हीं दोनों स्थानों को आपस में जोड़ने वाला सड़क मार्ग भी पूरी तरह ठप हो गया। बीबीएमबी की ओर से अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की कवायद में 162 कर्मचारियों को शामिल कर लिया गया लेकिन सात कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसे लेकर कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा।
कर्मचारियों की ओर से इस मसले पर प्रबंधन से हुई बातचीत में कोई नतीजा न निकलता देख सोमवार को बीबीएमबी अनुबंध कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राम कुमार और महासचिव दयानंद की अगुवाई में कर्मचारियों ने नंगल भाखड़ा रेल मार्ग को रोक डाला। कर्मचारियों ने सोमवार सुबह लगभग सात बजे नंगल-भाखड़ा सड़क मार्ग पर पड़ते रेलवे फाटक पर ट्रेन रोक डाली, जिससे न केवल रेल मार्ग बल्कि सड़क मार्ग भी पूरी तरह जाम हो गया। जो सायं छह बजे तक पूरी तरह जाम रहा। इसी विरोध प्रदर्शन के चलते बीबीएमबी के कई शिफ्टों के कर्मचारी भी भाखड़ा नहीं पहुंच पाए। वहीं हजारों अन्य लोग भी सड़क मार्ग पर ही फंसे रहे।
रोपड़ जिला प्रशासन और बीबीएमबी प्रबंधन ने कर्मचारियों को हटाने के कई प्रयास किए लेकिन सब बेकार रहा। इस प्रदर्शन में कर्मचारियों के परिजनों ने भी उनका भरपूर साथ दिया। इनमें कांता देवी, सुरेंद्र कौर, अनीता जोशी, आशा रानी, विशन सिंह और बेअंत सिंह सहित लगभग 6 दर्जन कर्मचारी रेल ट्रैक पर 11 घंटे तक डटे रहे। अंतत: सायं छह बजे के करीब जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार रविंद्र कुमार और बीबीएमबी के डिप्टी चीफ इंजीनियर एएस राठौर ने मौके पर पहुंच स्थिति संभाली और कर्मचारियों से उनकी समस्या सुलझाने के लिए चार दिनों का समय मांग जाम को खुलवाया।
बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर एएस राठौर ने बताया कि जाम खुलवा लिया गया है। कर्मचारियों की समस्या के संदर्भ में प्रबंधन से बातचीत की जाएगी, जिससे सातों कर्मचारियों के मुद्दे को हल किया जा सके। इस दौरान ऊना से भाखड़ा जा रहे राज कुमार, सुरेश चंद्र, केएन वशिष्ठ, एनके गर्ग और शीला देवी ने बताया कि देर सायं उनके साथ भाखड़ा जा रहे लगभग चार दर्जन जिला वासियों को भी नंगल से ही वापस ऊना लौटना पड़ा।