
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड के बर्मिंघम पहुंचे टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। इतना ही नहीं, उन्होंने शरद पवार के बयान को भी सिरे से खारिज कर दिया।
धोनी ने प्रेसवार्ता के दौरान अलग-अलग सवालों के जवाब में कहा, ‘स्पॉट फिक्सिंग के पूरे विवाद से क्रिकेट की साख नहीं गिरी है। इसके अलावा, मैं स्पॉट फिक्सिंग से जुड़े किसी सवाल का जवाब नहीं देना चाहता हूं। सही समय आने पर जरूर बोलूंगा।’
बुधवार को पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने श्रीनिवासन मामले पर बोलते हुए कहा था कि स्पॉट फिक्सिंग के पूरे मामले से आईपीएल की साख गिरी है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके राज में ऐसा कभी नहीं होता।
सभी क्रिकेटर एक जैसे नहीं होते
धोनी ने कहा, ‘फिलहाल हम चैंपियंस ट्रॉफी पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि यह टूर्नामेंट हमारे लिए बेहद अहम है। प्लीज मुझसे आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग को लेकर कोई सवाल मत कीजिए। मैं इस पूरे मामले से खुद को अलग रखना चाहता हूं।’
उन्होंने कहा कि कुछ खिलाड़ी दूसरों की तुलना में दिमागी रूप से कमजारे होते हैं और सभी क्रिकेटरों को एक पैमाने से नहीं आंका जा सकता।
पवार ने की थी श्रीनिवासन की मदद
इस दौरान, सीएनएन आईबीएन के हवाले से खबर है कि खुद शरद पवार ने 2008 में श्रीनिवासन को आईपीएल की टीम दिलाने के लिए नियमों से छेड़खानी की थी।
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अंग्रजी चैनल ने कुछ दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया है कि तत्कालीन बीसीसीआई चीफ शरद पवार ने एक खास पत्र लिखकर एन श्रीनिवासन को आईपीएल में बोली लगाने की मंजूदी दिलवाई थी।
इसके लिए नियमों में भारी फेरबदल किए गए थे।