दुग्ध उत्पादकों ने चिलिंग प्लांट को दूध देना किया बंद

ददाहू (सिरमौर)। राज्य दुग्ध प्रसंघ रेणुकाजी स्थित चिलिंग प्लांट दिन प्रतिदिन विभाग के लिए भारी घाटे का सबब बनता जा रहा है। वर्तमान में इसकी उत्पादन क्षमता घटकर मात्र 200 लीटर प्रतिदिन रह गई है। इस चिलिंग प्लांट की क्षमता एक हजार लीटर प्रतिदिन के करीब है। चिलिंग प्लांट में दूध की मात्रा घटने का एक बड़ा कारण लोगों का प्लांट के प्रति मोहभंग होना माना जा रहा है। अब अच्छी गुणवत्ता न होने के चलते ग्राहकों ने दूध लेने से मुंह फेर दिया है।
दुग्ध उत्पादकों ने चिलिंग प्लांट को दूध देना भी बंद कर दिया है। ग्राहकों ने दूध की गुणवत्ता को लेकर एक साथ कई सवाल खड़े किए हैं। मात्र 200 लीटर उत्पादन से विभाग का गुजारा होता दिखाई नहीं दे रहा। कुछ माह पूर्व ही इस चिलिंग प्लांट में उत्पादन 400 से 600 लीटर के बीच था जो अब घटकर मात्र 200 लीटर में ही रह गया है।
लोगों को अधिक कीमत में घटिया दूध की आपूर्ति हो रही है। जबकि इसी कीमत में लोगों को निजी डायरियों से अच्छा दूध मिल रहा है। सैनधार व गिरिपार क्षेत्र की करीब आधा दर्जन के करीब दुग्ध इकाइयां इस प्लांट से सीधे तौर पर जुड़ी हुर्ह हैं लेकिन इसके बावजूद भी उत्पादन क्षमता दिनों दिन घटती जा रही है। पिछले एक सप्ताह से लोगों को पतले व फेट रहित दूध की आपूर्ति हो रही है जिसका क्षेत्र की जनता को बड़ा मलाल है।
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अभिशीतन केंद्र की होगी जांच : जीएम
ददाहू (सिरमौर)। राज्य दुग्ध प्रसंग के महाप्रबंधक एके ठाकुर ने उत्पादन व गुणवत्ता के घटने पर कड़ी हैरानी जाहिर करते हुए बताया कि वह शीघ्र ही इस बारे जांच के आदेश प्रदान करेंगे। दूध की गुणवत्ता से कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। घटिया दूध की आपूर्ति लोगों को नहीं की जाएगी। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात भी कही है।

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