डेढ़ करोड़ की बरामदगी पर फिर उठे सवाल

देहरादून। डेढ़ करोड़ रुपये बरामद करने को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब राजपुर पुलिस चार माह बाद भी नहीं तलाश पाई है। मसलन इतनी बड़ी धनराशि का स्रोत क्या था और वह कहां से लाई गई। घटनास्थल पर ही दोनों पेटियों को क्यों नहीं चेक किया गया। प्रकाश में आए इनफार्मर से अब तक पूछताछ क्यों नहीं हुई। इन तमाम सवालों को लेकर डीआईजी ने एसएसपी को जांच के निर्देश दिए हैं।
राजपुर पुलिस ने सितंबर माह में कोलोरा कार में सवार तीन लोगों को पकड़कर डेढ़ करोड़ रुपये की धनराशि बरामद करने की बात कही थी। लेकिन धनराशि इससे कहीं अधिक होने की बात को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठे थे। मामूली जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। महीनों बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर डीआईजी ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। डीआईजी संजय गुंज्याल ने आख्या रिपोर्ट न मिलने पर नाराजगी जताते हुए एसएसपी से एसओजी को शामिल कर राजपत्रित अधिकारी से पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि बरामद दिखाई गई धनराशि उससे भी अधिक हो। उन्होंने बरामदगी में शामिल पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच कराए जाने की जरूरत बताई है।

इन बिंदुओं पर जांच की दी सलाह—-
* इतनी बड़ी धनराशि का स्रोत क्या है
* यह रुपया किस उद्देश्य से देहरादून लाया गया
* बरामदगी के समय दोनों पेटियां मौके पर ही क्यों नहीं चेक की गई
* फर्द के मुताबिक एक इनफार्मर का नाम प्रकाश में आया है, उससे पूछताछ क्यों नहीं हुई
* बड़ी धनराशि की सूचना देने के पीछे इनफार्मर का क्या मकसद था
* बरामद धनराशि वास्तविक है अथवा नहीं

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