
नाहन (सिरमौर)। झोला छाप डाक्टरों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। राज्य स्वास्थ्य निदेशालय ने फिलहाल ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग से ऐसे डाक्टरों के शैक्षणिक कागजात खंगालने को कहा है। इसके अलावा जिला के विभिन्न इलाकों में मौजूद दवा की दुकानों, डिस्पेंसरियों तथा क्लीनिक संचालकों को भी अपनी योग्यता के प्रमाणपत्र सहित विभाग का पास पंजीकरण करवाना होगा। इस पर अगर अमल नहीं किया गया तो तत्काल प्रभाव से ऐसे दवा संस्थानों अथवा डिस्पेंसरियों के लाइसेंस रद कर दिए जाएंगे। इस मामले की पुष्टि सीएमओ डा. एके गांधी ने की है।
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झोला छाप डाक्टरों में हड़कंप
नाहन (सिरमौर)। लंबे अर्से से बिना शैक्षणिक योग्यता के लोगों को दवा देने वाले नकली चिकित्सकों का नपना तय है। जिला में मौजूदा समय में ही नाहन, पांवटा, ददाहू, शिलाई, राजगढ़ तथा माजरा क्षेत्र के कई इलाकों में ऐसे चिकित्सक बिना किसी डिप्लोमा अथवा डिग्री के लोगों को दवा दे रहे हैं। जिला के धारटीधार तथा गिरीपार इलाकों में ही दर्जनों ऐसे झोलाछाप डाक्टर हैं जो बिना योग्यता के लोगों को दवा दे रहे हैं।
पंजीकरण करवाएं नहीं तो कार्रवाई : सीएमओ
नाहन (सिरमौर)। राज्य स्वास्थ्य निदेशालय से मिले आदेशों की पुष्टि करते हुए सीएमओ सिरमौर डा. एसके गांधी ने बताया कि विभाग स्टेबिलिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करेगा। कहा कि एक जनवरी 2013 से जिला में कोई भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल, डिस्पेंसरी, क्लीनिक बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे। इस पर स्वास्थ्य विभाग पंजीकरण तथा योग्यताओं को खंगालने का काम शुरू कर रहा है। सीएमओ ने कहा जिनका पंजीकरण नहीं होगा उनके लिए कम से कम 50 हजार तथा अधिकतम 5 लाख जुर्माना तय किया है।