
गोपेश्वर। भारत-तिब्बत (चीन) सीमा क्षेत्र में निर्माणाधीन जोशीमठ-मलारी सड़क के चौड़ीकरण कार्य में बाधक बन रहे मकानों और अन्य निर्माण कार्यों को ध्वस्त करने के लिए 123 आरसीसी (बीआरओ) सुराईथोटा ने कार्ययोजना तैयार कर दी है। सड़क चौड़ीकरण कार्य में जोशीमठ से तोलमा तक 14 गांवों के 753 परिवार प्रभावित होंगे।
बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में बीआरओ के अधिकारियों ने तहसील प्रशासन जोशीमठ और लोनिवि से मदद मांगी है। चौड़ीकरण कार्य में बीआरओ काश्तकारों से 13.495 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगा। चौड़ीकरण कार्य में जोशीमठ के 37, रविग्राम के 156, परसारी 27, मेरग 26, बड़गांव 149, कुंडीखोला 79, ढाक 15, तपोवन 119, रिंगी 2, सुभांई 13, रैणीचक सुभाई 8, रैणीचक लाता 69, लाता 47 और तोलमा के 6 परिवार प्रभावित होंगे। बीआरओ ने प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजे के लिए राजस्व विभाग जोशीमठ को पौने दो करोड़ रुपये भी दे दिए हैं।
जोशीमठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण कार्य में 14 गांवों के 753 प्रभावित खातेदार चिह्नित किए गए हैं। शीघ्र ही चौड़ीकरण कार्य शुरू होगा। जिन खातेदारों के आवासीय भवन और अन्य निर्माण चौड़ीकरण कार्य के बीच में आ रहे हैं, उन्हें राजस्व विभाग मुआवजे का वितरण करेगा।
-आरडी घुरी, कमान अधिकारी, 123 आरसीसी, सुराईंथोटा।