
हमीरपुर। क्षेत्रीय अस्पताल के गायनी कक्ष में दिन भर ताला लटका रहा। चिकित्सक न होने से गर्भवती महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दोपहर बाद गर्भवती महिलाओं को मायूस होकर घर लौटना पड़ा। रमेश कुमार, सरीता देवी, सुनीता कुमार, रीना देवी, रोहित पटियाल, सीमा देवी, सलोचना का कहना है कि क्षेत्रीय अस्पताल में गायनी कक्ष के बाहर सोमवार को दिन भर ताला लटका रहा। दरवाजे पर न तो कोई सूचना पत्र लगाया गया था और न ही किसी कर्मचारी या अधिकारी ने उन्हें डाक्टर के न आने की सूचना दी। इससे गर्भवती महिलाएं दिन भर गायनी कक्ष के बाहर बैठक कर डाक्टर का इंतजार करती रहीं। दोपहर तक डाक्टर के कक्ष में न पहुंचने से महिलाओं को मायूस होकर घर लौटना पड़ा। इससे दूरदराज क्षेत्रों से पहुंची महिलाएं ज्यादा परेशान हुईं। उन्होंने बताया कि गायनी में अक्सर डाक्टर कक्ष में नहीं होते हैं और कमरे के बाहर ताला लटका रहता है। इससे गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों से जूझना पड़ता है। उधर, एसएमओ डॉ. केसी चोपड़ा का कहना है कि एक गायनी विशेषज्ञ बीमार चल रहा है। दूसरा की तैनाती शिविर में की गई है। तीसरा सोमवार को आपरेशन थियेटर में व्यस्त रहा। इससे गायनी कक्ष में ताला लटका रहा है।
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तीन बार आए तीन बार ताला
ग्राम पंचायत पुतड़ियाल के पूर्व प्रधान संजीव कुमार का कहना है कि पत्नी का चैकअप करवाने के लिए तीन बार क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचे। तीन बार उन्हें गायनी कक्ष पर ताला लटका मिला है। इससे उन्हें पत्नी की जांच करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समय के साथ साथ मानसिक परेशानी से भी जूझना पड़ा है।