कुल्लू में खोलेंगे ध्यान साधना केंद्र

कुल्लू। देव भूमि हिमाचल से मैंने बहुत कुछ पाया है और मैं यहां के लोगों की सेवा कर देव भूमि का कर्ज उतारना चाहता हूं। यह कहना है सुधांशु महाराज का। सुधांशु महाराज ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड के बाद हिमाचल की कुल्लूू-मनाली की शांत वादियों में ब्यास के किनारे काफी साधना की है। यहां से उन्होंने बहुत कुछ पाया है।
उन्होंने कहा कि मनाली मनु ऋषि का स्थान है और यहां पर कई ऋषि मुनियों ने तप किया। यहां पर साधना करने का अलग ही अनुभव है। इसलिए हिमाचल प्रदेश में साधना केंद्र खोलने के लिए उन्होंने हिमाचल की वादियों को चुना है। कुल्लू में स्वास्थ्य केंद्र और ध्यान साधना केंद्र खोला जाएगा। इसमें ध्यान की गिरफ्त में जा रहे युवा वर्ग को नशे से मुक्ति दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
सुंदरनगर में खोलेंगे केंद्र
सुंधाशु महाराज ने कहा कि केवल हिमाचल के लोगों के लिए सुंदरनगर में एक केंद्र खोला जाएगा। इसमें ध्यान केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और सभी देवताओं के स्थान रखे जाएंगे। इस केंद्र में हिमाचल के लोगों को योग साधना एवं ध्यान के बारे में बताया जाएगा। हिमाचल के लोग बहुत भोले-भाल और दया धर्म वाले हैं। इसी कारण उन्होंने हिमाचली की सेवा के लिए सुंदरनगर में केंद्र खोलने की योजना बनाई है।

इस तरह रहें तनाव से मुक्त
सुधांशु महाराज का कहना है कि तनाव से मुक्ति के लिए घर के एक कोने में शांत होकर बैठना चाहिए। इस दौरान दिमाग को पूरी तरह से खुला छोड़ दें। अर्थात उस समय कोई भी सोच विचार न करें। उन्होंने कहा कि ध्यान से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा रोजाना प्राणायाम भी करना चाहिए।

180 साधक सीख रहे ध्यान के गुर
कुल्लू। मिशन के कुल्लू इकाई के प्रधान पवन कुमार ने बताया कि घुड़दौड़ स्थित आश्रम में 21 मई से लेकर 3 जून तक तीन चरणों में ध्यान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। तीन ध्यान शिविर 31 मई से तीन जून तक चलेंगे। इसमें सुबह और शाम के सत्रों में योग ध्यान साधना के तरीके साधकों को बताए जाएंगे। तीसरे ध्यान शिविर में देश भर से आए करीब 180 साधक भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में विश्व जागृति मिशन कुल्लू के प्रभारी अखिलेश कपूर, कुल्लू के प्रधान पवन कुमार, अरुण महंत, कैंप प्रभारी कर्नल सुभाष बख्शी और विश्व जागृति मिशन दिल्ली के महासचिव देवराज कटारिया उपस्थित थे।

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