
अंबेडकरनगर। सपा मुखिया मुलायम सिंह के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की कर्जमाफी की घोषणा बड़ी संख्या में किसानों के चेहरे खिल गए। इस घोषणा से जिले के 4500 से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। हालांकि कर्जमाफी की उम्मीद पाले किसानों ने पहले ही किस्त देना बंद कर कर दिया था। हालांकि घोषणा में हुए विलंब का उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ा। कई किसानों को बंधक भूमि की नीलामी को लेकर नोटिस जारी हो गया।
ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने किसानों के कर्ज माफी का वादा किया था। सत्ता में आने पर प्रदेश सरकार ने किसानों के 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ करने की घोषणा भी कर दी। इसका किसानों ने बढ़ चढ़कर स्वागत किया। हालांकि कर्जमाफी का कोई आदेश अब तक बैंक नहीं पहुंच सका है, लेकिन किसान अपनी तरफ से कर्ज का माफ होना पक्का मानकर चल रहे थे। किसानों की उम्मीद कितनी प्रबल थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बैंकों से लिए गए कर्ज के बदले अपनी किस्त देना भी बंद कर दिया।
इससे बैंकों पर लगातार वित्तीय भार बढ़ता रहा। कारण यह कि सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को ऋण देने का दबाव तो लगातार बना हुआ है, लेकिन किसानों को पूर्व में बांटे गये ऋण के रकम की वापसी नहीं हो पा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसानों ने अपने ऋण के सापेक्ष आम तौर पर अदायगी से कि नारा कस लिया है। चूंकि अभी कर्ज माफी के नियम कायदे को लेकर पूरी तस्वीर साफ नहीं हो पायी है। इसलिए सभी वर्ग के किसानों व कर्जदारों ने उम्मीद पाल रखी है।
किसानों की इस उम्मीद से सबसे ज्यादा चोट बैंकों को लग रही है। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम्य विकास बैंक के शाखा प्रबंधक पीपी पांडेय मुताबिक जून माह के बाद से किसी किसान ने कोई ऋण ही जमा नहीं किया है। बताया कि कुल 20 करोड़ 81 लाख 39 हजार रुपये किसानों पर बकाया है। यह रकम लगभग 4500 किसानों से जुड़ी हुई है। शाखा प्रबंधक ने कहा कि बीते जून माह के बाद से तो किसानों ने बैंक ही आना बंद कर दिया है। अधिकांश किसान घर बैठे कर्जमाफी का इंतजार कर रहे थे। कुछ ऐसा ही हाल अन्य बैंक शाखाओं का भी है।