‘औरतों को न्यूड करना सेक्स क्राइम में नहीं आता’

दिल्ली गैंगरेप दामिनी के आरोपीयों को फांसी की सजा की मांग की जा रही है वहीं इस पर देश के कानून में बदलाव लाने की भी मांग की जा रही है। उधर केन्द्र सरकार भी कड़ा कानून बनाने की बात कर रही हैं। अगर नया कानून लागू हो जाता है तो इस कानून के अंतर्गत महिलाओं का पीछा करना और कपड़े फाडऩा यानि न्यूड करना सेक्स क्राइम की श्रेणी में नहीं आएगा। सरकार का मानना है कि इस तरह के अपराधों को अदालतों में साबित करना काफी मुश्किल होता है।

यह तर्क देते हुए गृह मंत्रालय ने इन अपराधों को क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट बिल 2012 में शामिल नहीं किया है। भले ही इन अपराधों की वजह से पीडि़ता को गहरा सदमा लग जाए। गौरतलब है कि इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं जब लगातार पीछा करने के बाद अपराधियों ने बलात्कार करने के बाद हत्या तक कर दी है।

ऐसी ही एक घटना प्रियदर्शनी मट्टू की, प्रियदर्शनी का बलात्कार और हत्या से पहले उसका काफी समय तक पीछा किया गया था। आपराधिक कानून संशोधन विधेयक 2012 हाल ही में संसद में पेश किया गया था लेकिन बिल पर चर्चा नहीं हो पाई थी। उच्चाधिकार प्राप्त समिति का मत था कि घूरने को अपराध साबित करना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए इसे बिल में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

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