
वाशिंगटन: कैलीफोर्निया से संबंध रखने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक एमी बेरा और अब तक अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए निर्वाचित प्रथम हिंदू महिला, तुलसी गेबार्ड ने 113वीं कांग्रेस के सदस्यों के रूप में शपथ लेकर इतिहास रचा है। हिन्दू मां तथा कैथोलिक पिता की देखरेख में बहुजातीय, बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक परिवार में पली-बढ़ी गेबार्ड दक्षिणी प्रशांत सागर के स्वतंत्र देश समोआ मूल की अमेरिकी महिला हैं।
उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र धर्म ग्रंथ ‘भगवद् गीता’ को साक्षी मानकर गुरुवार को पद की शपथ ली। डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव जीतने वाली गेबार्ड अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में हवाई का प्रतिनिधित्व करती हैं। इससे पहले वह होनोलुलु सिटी काउंसिल में अपनी सेवा दे चुकी हैं। किशोरावस्था में ही हिन्दू धर्म अपनाने वाली गेबार्ड ने गीता को अपना मार्गदर्शक बनाया। उनका कहना है कि यह ग्रंथ सफलता या विफलता, दोनों परिस्थितियों में उन्हें संतुलित रहने व धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
गेबार्ड के प्रेरकों में महात्मा गांधी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सर्वाधिक प्रसिद्ध हिन्दू, महात्मा गांधी ने निजी लाभ की परवाह किए बगैर अपने देश तथा मानवता के हित में अथक प्रयास किए और अपनी सफलता तथा विफलता को ईश्वर के हाथों में छोड़ दिया।’ वहीं, बेरा (47) भारतीय मूल के माता-पिता की संतान हैं। वह भी डेमोक्रेट सदस्य हैं। दिलीप सिंह सौंद तथा बॉबी जिंदल के बाद अमेरिकी कांग्रेस में पहुंचने वाले वह भारतीय मूल के तीसरे सदस्य हैं।
सौंद ने वर्ष 1957 से 1963 तक कैलीफोर्निया का और जिंदल ने वर्ष 2005 से 2008 तक लुसियाना का प्रतिनिधित्व किया था। बेरा ने रिपब्लिकन उम्मीदवार डैन लंगरेन को हराया। उन्होंने इरविन में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया से जीवविज्ञान में स्नातक किया और बाद में वर्ष 1991 में वहीं से एमडी किया।