एफडीआई पर गतिरोध बरकरार, सदन में हंगामा

रिटेल में एफडीआई की अनुमति वापस लेने और सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई। हंगामा थमता न देख लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह कार्यवाही शुरू होते ही सदन ने मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों और मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इसके तुरंत बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करते हुए एक सदस्य का नाम प्रश्न पूछने के लिए पुकारा, भाजपा सदस्यों ने अपनी सीटों पर खडे़ होकर ‘एफडीआई वापस लो’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।

लेफ्ट, बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी और कुछ अन्य दलों के सदस्य भी उनके समर्थन में अपनी सीटों से खडे़ हो गए। अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया, लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एफडीआई पर गतिरोध तोड़ने में जुटी सरकार
इधर रिटेल में एफडीआई पर संसद में जारी गतिरोध तोड़ने में जुटी सरकार ने इस मामले में अब अपनी कवायद तेज कर दी है। इस मुद्दे पर जारी वैचारिक मतभेद को दूर करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

सरकार और कांग्रेस से नाता तोड़ चुकी तृणमूल कांग्रेस लगातार एफडीआई का विरोध कर रही है। सरकार का बाहर से समर्थन दे रही सपा और बसपा का रुख भी इस मुद्दे पर अभी तक साफ नहीं है। वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और वामपंथी पार्टियां लोकसभा में नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। इस नियम के तहत मतदान का प्रावधान है। दूसरी ओर, सहयोगी दलों का रुख भी बहुत हद तक सकारात्मक नहीं है।

ऐसे में सरकार मतदान कराने से बचना चाहती है। वह नियम 193 के तहत लोकसभा में बहस के लिए तैयार है। इस बीच, भाजपा नेता एम. वेंकैया नायडू ने संसद में चल रहे गतिरोध का ठीकरा प्रधानमंत्री और कांग्रेस पर फोड़ा है। नायडू ने सरकार की ओर से दिए गए उस आश्वासन का भी हवाला दिया जो गत वर्ष 7 दिसंबर को संसद में दिया गया था। अगर बहस कराने और मतदान की मांग स्वीकार नहीं की गई तो उनका विरोध जारी रहेगा।

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