
धर्मशाला। हिमाचल पथ परिवहन निगम धर्मशाला डिवीजन के तहत आने वाले धर्मशाला डिपो, पालमपुर, बैजनाथ, पठानकोट और चंबा बस डिपो में वर्क-टू-रूल के कारण सबसे अधिक सौ बस रूट फेल हो गए हैं। इसमें सबसे अधिक ग्रामीण बस रूट शामिल हैं। इसके अलावा लुधियाना, पठानकोट और शिमला समेत एक दर्जन लंबी दूरी के बस रूट भी शामिल हैं। अकेले धर्मशाला बस डिपो के कुल 27 बस रूट प्रभावित हुए हैं। बस रूट फेल होने से सबसे अधिक खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन बसर करने वाले लोगों को भुगतना पड़ा। वर्क-टू-रूल के दूसरे दिन बुधवार को सुबह से ही ग्रामीण रूटों पर बसें नहीं चली। ग्रामीण क्षेत्रों में मुसाफिर बस स्टाप पर खड़े रहे लेकिन तीन से चार घंटे के अंतराल तक कोई बस नजर नहीं आई। शाहपुर के बोह, सल्ली और दरीणी, घेरा, हरनेरा, लंज, नगरोटा सूरियां, झीरबल्ला, सलोल, बंडी घरोह, पर्यटन नगरी मैकलोडगंज से सटे गांव नड्डी, सतोवरी, खनियारा, टंग नरवाणा, जिया-नगरी, सुक्कड़ मसरेहड़ समेत दर्जनों ग्रामीण बस रूटों पर दिन में इक्का-दुक्का एचआरटीसी की बसें नजर आई। वहीं, साढ़े ग्यारह बजे धर्मशाला से पठानकोट, बारह बजे धर्मशाला-शिमला और सायं तीन बजे धर्मशाला लुधियाना बस रूट समेत अन्य लंबी दूरी के रूट भी प्रभावित हुए। परिवहन कर्मी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। उधर, एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक विजय ठाकुर ने माना कि डिजीवन के पांचों बस डिपुओं में 100 के करीब रूट प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को वर्क-टू-रूल के बावजूद बस सेवाए प्रदान करने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
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निजी बसों में ओवरलोडिंग
धर्मशाला। एचआरटीसी में वर्क-टू-रूल के कारण बस रूट बंद होने के कारण जिलाभर में निजी बसें दिनभर यात्रियों से खचाखच भरी रहीं। इस दौरान बसें ओवरलोडिंग के साथ देखी गईं। सैकड़ों लोग ओवरलोड बसों में अपनी जान को जोखिम में डालकर सफर करते नजर आए। इस दौरान टैक्सी आपरेटरों ने भी खूब चांदी कूटी।