आखिर भांग से कब मुक्त होगा मलाणा

कुल्लू। पुलिस लाइन वाशिंग में मलाणा क्रीम और वहां की डेमोक्रेसी पर बनाई फिल्म बोम दिखाई गई। फिल्म में कुल्लू जिला के बुद्धिजीवी वर्ग ने इस विषय पर चर्चा भी की। फिल्म के निदेशक अम्लान दत्ता ने बताया कि उन्होंने छह साल पहले मलाणा गांव पर डाक्यूमेंटरी बनानी शुरू की थी। उन्हें यह सफलता पांच साल के प्रयास के बाद मिली। फिल्म में बताया कि कुछ साल पहले भांग का प्रयोग नशे के रूप में न कर भांग के पौधे से मलाणा गांव के लोग पैरों में पहनने के लिए पूल्हें और अन्य सामग्री तैयार करते थे।
आजीविका का कोई साधन न होने के कारण यहां के लोग फिर चरस निकालने का काम भी करने लगे। फिल्म के दौरान ग्रामीणों ने लोकतंत्रीय प्रणाली और पुलिस पर भी कई सवाल उठाए हैं। एसपी अशोक कुमार ने बताया कि फिल्म के बाद जिला के सभी बुद्धिजीवी वर्ग ने मलाणा वासियों के उत्थान के लिए कई सुझाव रखे हैं। यहां के लोगों को आजीविका के अच्छे साधन मुहैया करवाने पर विचार-विमर्श किया गया। एसपी अशोक कुमार ने कहा कि इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। यह कार्य केवल एक दो महीनों में नहीं होगा बल्कि इसके लिए कई साल भी लग सकते हैं। इस दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलदेव सिंह, फास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बहादुर सिंह, सीजेएम लाहौल स्पीति जिया लाल आजाद, सीजेएम कुल्लू राजीव बाली, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष राजीव, सदस्य संजय ठाकुर, एएसपी निहाल सिंह, डीएसपी संजय शर्मा, एसएचओ, रमण कुमार मीणा, शेर सिंह, नीलचंद समेत कुल्लू का बुद्धिजीवी वर्ग उपस्थित था।

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