
नई दिल्ली।(वीरेंदर खागटा ) प्रदेश भाजपा ने उपराज्यपाल से सरकारी अस्पताल में होने वाली मौतों और दुर्व्यवस्था की न्यायिक जांच कराने की मांग की। साथ ही ट्रॉमा सेंटर की घटना पर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से इस्तीफा मांगा है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार के सभी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर मरीजों के कब्रगाह बने हैं। लापरवाही की वजह से पांच वर्ष में सरकारी अस्पतालों में दस हजार बच्चों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री जिस समय गुजरात में कांग्रेस और दिल्ली सरकार की गुणगान कर रही थीं उसी वक्त टॉमा सेंटर में ऑक्सीजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे थे। उन्होंने सरकारी अस्पतालों की दशा और दिशा पर सरकार से श्वेतपत्र मांगा है। उन्होंने कहा कि सीएजी ने भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में भ्रष्टाचार हो रहा है। जीबी पंत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को जांच सौंपने के मसले पर कहा कि सरकार अपना पल्ला झाड़ रही है।
दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि सरकार नाकामियों के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हुई। ट्रामा सेंटर विधानसभा से दो कदम की दूरी पर है, सरकार अपनी नाक के नीचे ही अस्पताल की देखरेख करने में अक्षम है तो बाकी के अस्पतालों की क्या स्थिति होगी। सरकार की असंवेदनशीलता की कोई सीमा नहीं रही है क्योंकि सरकार अपने विभाग के कर्मचारी को न लगाकर निजी हाथों में ऑक्सीजन सप्लाई करने का जिम्मा सौंपा है।