
दावोस: भारत और दुनियाभर से यहां पहुंचे नेताओं, उद्यमियों और आर्थिक विशेषज्ञों की उपस्थिति में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की छह दिवसीय सालाना बैठक आज यहां शुरू हो गई। इस बैठक में भारतीय नेताओं द्वारा देश को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में दिखाया जाएगा। खासकर भारत दुनिया को यह बताएगा कि खुदरा और आईटी के मामले में वह एक आकर्षक गंतव्य है।
विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष खड़े मौजूदा वित्तीय संकट के बीच शुरू हो रही इस बैठक में इसी मुद्दे के छाये रहने की संभावना है। इस बार विश्व आर्थिक मंच की बैठक की थीम ‘रेसिलिएंट डायनैमिज्म’ रखी गई है। वैश्विक नेताओं के अलावा भारत के 100 से ज्यादा उद्योगपति और राजनीतिज्ञ इसमें भाग ले रहे हैं।
शहरी विकास एवं संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ की अगुवाई वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में तीन अन्य मंत्री भी भाग ले रहे हैं। इसके अलावा जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित दुनिया के कई प्रमुख नेताओं की उपस्थिति में इस बैठक में वित्तीय संकट से निपटने तथा आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उपायों पर चर्चा होगी। बैठक में जिन अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श होगा उनमें अमेरिका का वित्तीय संकट, यूरो क्षेत्र पर रिण का बोझ और अफ्रीकी महाद्वीप में हुआ हाल का घटनाक्रम प्रमुख है।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और रूस के प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव तथा विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और अन्य वैश्विक संगठनों के प्रमुख भी बैठक में शिरकत कर रहे हैं। इसके अलावा स्विट्जरलैंड के अल्पाइन शहर में कई बड़ी कंपनियों के सीईओ भी विचारों का आदान प्रदान करते नजर आएंगे।
कमलनाथ के साथ बैठक में जो अन्य मंत्री होंगे उनमें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा, भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री प्रफुल्ल पटेल तथा बिजली मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी, लक्ष्मी निवास मित्तल के अलावा आनंद महिंद्रा, राहुल बजाज, अजीम प्रेमजी और चंदा कोचर भी बैठक में शामिल हो रहे हैं।
स्वीडन की फर्निचर कंपनी आइकिया के 10,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को कल ही मंजूरी मिली है। आनंद शर्मा ने इसके बाद कहा था कि इस फैसले की गूंज न केवल दावोस बल्कि पूरी दुनिया में सुनाई देगी। इसके साथ ही इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल तथा महिंद्रा सत्यम जैसी कंपनियां देश के आईटी क्षेत्र की संभावनाओं के बारे में बताएंगी। अंबानी, महिंद्रा और अन्य उद्योगपति भारत द्वारा निवेशकों के लिए प्रदान की जानी वाली वृद्धि की संभावनाओं के बारे में बताएंगे।
दावोस की सड़कें विभिन्न देशों के बड़े बड़े बैनरों से पटी पड़ी हैं। यहां भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, अजरबैजान के बैनर दिखाई दे रहे हैं। इन देशों में बैनरों में अपने यहां निवेश की बेहतर संभावनाओं के बारे में बताया है।
विश्व आर्थिक मंच की इस बैठक को सुस्त पड़ती विश्व अर्थव्यवस्था में उत्साह और जोश जगाने पर केन्द्रित रखा गया है। बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव, यूरोपीय केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष, ओईसीडी महासचिव तथा डब्ल्यूटीओ प्रमुख के भाग लेने की भी उम्मीद है।